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July 9, 2025 11:20 am

पीटकर हत्या करने तथा घर में आग लगाने के दो आरोपितों को आजीवन कारावास

संवाददाता : अमरेन्द्र सिंह

गोड्डा : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार पाठक के न्यायालय ने जमीन संबंधी विवाद को लेकर घर में घुसकर मारपीट करने एवं घर में आग लगाने के आरोप में मुफसिल थाना क्षेत्र के चरकाकोल निवासी निरंजन सिंह एवं चितरंजन सिंह को दोषी पाकर 302 के तहत आजीवन कारावास तथा 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। भादवि की धारा 325 भादवि के तहत दोषी पाकर पांच वर्ष कारावास व दो हजार रूपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने पर एक माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। वहीं 436 भादवि के तहत दोषी पाकर 10 वर्ष कारावास एवं पांच हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने पर दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी, सभी सजा साथ- साथ चलेगी।
मुफसिल थाना में 23 मार्च 21 को दर्ज प्राथमिकी में थाना क्षेत्र के चरकाकोल निवासी तुलसी देवी, पति सुरेश सिंह ने कहा है कि 23 मार्च 21 को उसके पति सुरेश सिंह घर पर मवेशी का घास कुटिया रहे थे। करीब आठ बजे सुबह गांव के ही निरंजन सिंह एवं चितरंजन सिंह अन्य साथियों के साथ लाठी- डंडा लेकर आये। सभी शराब के नशे में थे। वे कह रहे थे कि हमारा जमीन छोड़ दो और मेरे पति को मारने पीटने लगे। मेरे पति वहीं पर मार खाकर गिर गये फिर भी सभी उन्हें पीटते रहे। हल्ला सुनकर मैं घर से निकली तो पति को खून से लतपथ देखी तथा मारने वालों को कहा कि क्यों मेरे पति को मार रहे हो। इस पर मुझे भी धमकी देते हुए कहा कि हमारा जमीन छोड़ दो, नहीं तो पूरे परिवार वालों को जान से मार देंगे। हल्ला होने पर गांव के लोग जुटने लगे तो बदमास भाग गये। इसके बाद पति सुरेश सिंह को गाड़ी से इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया। सभी ने मिलकर घर में आग भी लगा दिया। इलाज के दौरान मायागंज भागलपुर अस्पताल में सुरेश सिंह की मौत हो गई। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से सात एवं बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाहों का न्यायालय के समक्ष परीक्षण कराया गया। उभय पक्षों की दलीलें सुनने के उपरांत न्यायालय ने आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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