सतनाम सिंह
पाकुड़: झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2022 के विरोध में आजसू जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड कृषि प्रधान राज्य नहीं है. यह शुल्क झारखंड के उपभोक्ताओं को महंगाई से जूझने के लिए विवश करेगा. अभी भी समय है, हेमंत सरकार चेते और इस कानून को निरस्त करने की घोषणा करे. यह गरीब झारखंड राज्य यहां के जनता गरीबी का मार झेल रहा है, आजसू जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम ने कहा कि हेमंत सरकार गरीबों के बारे में बड़े-बड़े बातें किए सब टाई-टाई फीस हो गई।
आजसू जिला अध्यक्ष आलमगीर आलम ने बताया कि कृषि प्रधान राज्य होते हुए भी इस शुल्क को बिहार और उत्तर प्रदेश में हटा दिया गया है. जिसपर बाजार समिति द्वारा कोई सुविधा दी ही नहीं जाती है. इससे सिर्फ उपभोक्ता प्रभावित होंगे क्योंकि व्यापारी इस टैक्स का भुगतान उपभोक्ता से वसूलकर ही करेंगे.
