सतनाम सिंह
झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में आज बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी के निर्देश पर सचिव शिल्पा मुर्मू के मार्गदर्शन में जागरूकता सह आउटरीच कार्यक्रम आयोजित की गई।
भवानीपुर और हिरानंदनपुर पंचायत के अन्तर्गत उत्क्रमिक मध्य विद्यालय ,देवपुर , महुवाडंगा, निश्चिंतपुर समेत अन्य गांवों में लगभग 1100 सौ लोगों को जागरूक किया गया। जिसमे मुख्य रूप से बाल श्रम ,मजदूर पलायन के साथ बाल विवाह पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।पीएलवी टीम के अमूल्य रत्न रविदास ने बताया कि किसी लड़की या लड़के की शादी 18 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है ऐसे गैर कानूनी विवाह कराने या करने से बचे, ऐसा विवाह बचपन खत्म कर देता है कानूनी द्वारा कई कड़ी सजा का प्रावधान है । वहीं मोकमाउल शेख ने बताया कि बाल विवाह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।कम उम्र में बच्चों की शादी कर देने से उनके स्वास्थ्य, और् मानसिक विकास के साथ साथ खुशहाल जीवन पर असर पड़ता है। कम उम्र में शादी करने से पूरे समाज में पिछड़ापन आ जाता है। वहीं खुदू राजवंशी ने कहा कि हमारे देश के कानून में लड़के और लड़की की शादी के लिए एक निश्चित उम्र तय की गई है। कम उम्र में विवाह लगभग हमेशा लड़कियों को शिक्षा या अर्थपूर्ण कार्यों से वंचित करता है जो उनकी निरंतर गरीबी का कारण बनता है अगर ऐसा कही हो रहा हो तो प्रशासन, बाल संरक्षण या जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ को सूचित करे। तुंरत करवाई की जाएगी। वही पीएलवी अजारूल शेख ने बताया कि बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है जिससे उनपर हिंसा, शोषण तथा यौन शोषण का खतरा बना रहता है। इसके अलावे विधिक जानकारी महिला सशक्तिकरण , पीड़ित मुवाअजा की जानकारी दी गई मौके पर मुख्य रूप से पीएलवी खुदू राजवंशी, मोकमाउल शेख, अमूल्य रत्न रविदास, अजारूल शेख, उत्क्रमिक मध्य विद्यालय हिरानंदनपुर के प्रधानाध्यापक संतोष कुमार पोहार एवम् ग्रामीण उपस्थित रहे।

