सरकार और प्रशासन के प्रति, लोगों में बढ़ी नाराजगी, महसूस कर रहे हैं उपेक्षित
जयराम मंडल
उधवा।देश के गरीब अनाज के अभाव में भुख से मौत नहीं हो, इसके लेकर कांग्रेस के मनमोहन सिंह के नेतृत्व में युपीए-2 के सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 लागु किया है।जिसके तहत देशभर के करोड़ों गरीब परिवारों को 1 रूपए किलो की दर से राशन दे रही है। इसके बावजूद झारखंड में हजारों योग्य परिवार इस योजना के लाभ से वंचित थे। इसके मद्देनजर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2020 में मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना लागू किया। ताकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम जो समाजिक आर्थिक जनगणना पर आधारित था, और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से वंचित थे। वैसे लोगों को 1 रुपए किलो की दर से झारखंड के गरीब परिवारों को प्रतिमाह राशन मिल सके। लेकिन यह योजना वर्तमान में कारगर साबित नहीं हो रहा। जानकारी के अनुसार साहेबगंज जिले के उधवा प्रखंड में लगभग 6 महीने से ग्रीनकार्ड धारियों को राशन नहीं मिल रहा है। जिसके कारण हजारों गरीब परिवारों को खाद्यान्न का अभाव महसूस किया जाने लगा है।साथ ही परिवारों की खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो रहा है। लोगों के खाने पीने के सामानों के दिनचर्या बदल गई है।कई गरीब परिवार दुकान से खाद्यान्न खरीदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर उधवा प्रखंड के ग्रीन कार्ड धारकों में झारखंड सरकार एवं प्रशासन के प्रति नाराजगी है। साथ ही कार्ड को लेकर भी लोग उपेक्षित महसूस कर रहे है, लाभुकों ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा लाल व पीला कार्ड धारकों को प्रतिमाह नियमित राशन मिल रहा है, और ग्रीन अथवा पीला कार्ड धारकों को 6 महीने से अनाज नहीं देना यह कहां तक उचित है।अब देखना होगा कि सरकार ग्रीन कार्ड धारियों को कब राशन मुहैया कराती है। इस संबंध उधवा एमओ विशाल पांडेय ने बताया कि सरकार राशन का आवंटन देने पर ग्रीन कार्ड धारियों दिया जाएगा। साथ ही कहा कि जनवरी तक में ग्रीन कार्ड का राशन मिल सकता है।