राजकुमार भगत
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*टीएलएम मेला में शिक्षकों ने तैयार की शिक्षण सामग्री, इससे पढ़ाई करेंगे बच्चे*
गुरुवार को डायट भवन सभागार में टीएलएम मेला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआात जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, एरिया ऑफिसर जुही रानी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके बाद विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों ने विज्ञान और गणित के टीएलएम बनाए, जो बच्चों के लिए पढ़ाई में काफी उपयोगी सिद्ध होंगे।
*जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज* बताया कि सहायक शिक्षण सामग्री का मुख्य उद्देश्य छात्रों को सहज एवं सरल रूप में सीखने का अवसर प्राप्त हो एवं तैयार की गई सामग्री द्वारा बच्चे तेजी से सीखेंगे और प्रगति करेंगे सहायक शिक्षण सामग्री स्थानीय स्तर पर तैयार की गई है। कम संसाधनों से तैयार की गई सामग्री द्वारा बच्चे रुचि पूर्ण ढंग से सीखने के प्रति लालायित रहते हैं, शिक्षकों का सहयोग करते हैं। इस मेला में शिक्षकों से स्कूलों की शिक्षा को रुचिकर तथा सरल बनाने में अपनी वौद्धिक दक्षता का बेहतर इस्तेमाल करने की अपील की गई। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के मन से किताबी पढ़ाई का बोझ तथा डर कम करना आज की एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को शिक्षक अपनी सकारात्मक सोच तथा उच्च दक्षता से समाप्त कर सकते हैं।
*जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन* ने कहा कि शिक्षा की महत्ता मानव सभ्यता के विकास से चलने वाला एक अवधारणा है। उन्होंने शिक्षकों को कहा कि इस बात का ध्यान रखें की ऊंचाई के जिस मुकाम पर कोई भी व्यक्ति पहुंचा है उसको किसी न किसी योग्य गुरु ने ही पढ़ा कर यहां तक पहुंचाया है। शिक्षक ही विद्यार्थियों के मन मस्तिष्क में भविष्य की वह सपना दिखाते हैं जहां से व्यक्ति एक संपूर्ण मानव बनता है।आज के इस तकनीकी युग में भी शिक्षकों की महत्ता यथावत बनी हुई है। इसलिए आप सभी शिक्षकगण यह प्रण ले की अपने-अपने विद्यालयों में वैसे जरूरतमंद छात्रों का चयन कर उन्हें समग्र रूप से काबिल बनाएंगे ताकि छात्र हमें गुरु के रूप में आजीवन याद रख सके।
इस कार्यक्रम में एरिया ऑफिसर जुही रानी ने भी अपने विचार रखे।
शिक्षक/शिक्षिकाओं ने भाग लेते हुए शून्य निवेश के तहत पाठ्यक्रम आधारित शैक्षिक सामग्री बनाकर प्रदर्शन किया और साथ ही साथ उनकी उपयोगिता को भी विस्तृत रूप से बताया गया। उनके द्वारा बनाए गए सहायक सामग्रियों में विशेष रूप से स्थानीय मान की समझ, गुणा-भाग के आसान तरीके, स्वर- व्यंजन की पहचान, शब्द निर्माण, ज्यामितीय आकृतियों की समझ, अंग्रेजी एवं हिन्दी वर्णमाला की समझ आदि को विकसित करने से संबंधित शिक्षण सामग्री के माध्यम से सिखाने की बहुत ही सहज विधियां बताई गई।
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