मृत्युंजय कुमार
पाकुड़िया संवाददाता पाकुड़िया प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत कालाजा टेक्निकल सुपरवाइजर संजय मुर्मू के द्वारा घर-घर कालाजार खोज अभियान के तहत ग्राम कोरमा नाला राजबाड़ी,सरला सहित अन्य गांव में मंगलवार को पर्यवेक्षण किया गया। केटीएस श्री मुर्मू द्वारा बताया गया 2 सप्ताह से अधिक बुखार वाले एवं एंटी मलेरिया रोधी दवा खाने पर भी बुखार कम नहीं हो रहा हो, कमजोरी महसूस होना, भूख ना लगना, खून की कमी, तिल्ली व जिगर का आकार बढ़ना एवं पूरे शरीर काला भुरा हो जाना कालाजार का लक्षण है ऐसे रोगी तुरंत अस्पताल पहुंचाए। इनका जांच और इलाज सरकारी अस्पताल में मुफ्त में किया जाता है साथ ही इलाज उपरांत रोगी को ₹6600 श्रम क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। दाग धब्बे वाले टीकेडीएल रोगी को सरकार की ओर से इलाज उपरांत ₹4000 राशि प्रदान की जाती है। साथ ही कालाजार से बचने हेतु ग्रामीणों को जानकारी भी दी जा रही है कि कालाजार बालू मक्खी से संचालित होती है और यह गंदे, नमी वाले इलाके एवं कच्चे घरों में रहने वाले लोगों में अधिकतर कालाजार पाया जाता है क्योंकि बालू मक्खी ऐसी जगह पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं। मौके पर एमपीडब्ल्यू नूर आलम शेख सहित साहिया सेविका पंचायत की मुखिया सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

