सतनाम सिंह
Story :-आदिम जनजाति के लोग पहाड़ खोद कर रंग बिरंगे की निकालते है मिट्टी 21वीं सदी का भारत डिजिटल बन रहा है, लेकिन आदिवासी समाज आज भी अपनी पुरानी परंपरा और संस्कृति के प्रति सजग है. आदिकाल से चली आ रही आदिवासी परंपरा व संस्कृति की एक अलग पहचान बनी हुई है. जनजातियों में अलग-अलग भाषाएं और समुदायों की अपनी संस्कृति और परंपरा है.पाकुड़ में रहने वाले जनजातीय समाज के लोग आकर्षक रंगों से अपने घरों को सजाते हैं. वहीँ पाकुड़ जिले के हिरणपुर प्रखंड विकास कार्यालय के ठीक सामने एक छोटा सा पहाड़ है जहाँ आदिवासी समुदाय के लोग रंग-बिरंगी मिट्टी वर्षों से इस छोटे से पहाड़ में निकालते है वहीँ आदिवासी समाज इस कला एवं संस्कृति को सहेजने का काम कर रही है. दरअसल, इस पहाड़ से निकलने वाली रंग-बिरंगी मिट्टी में लाल, भूरी, पीली, सफेद मिट्टी निकलते है आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यह मिट्टी के घरों को सुंदर बनाने में काम आती है वहीँ फिलहाल बड़ा दिन के पर्व को लेकर इस मिट्टी से घरों की करेंगे पोताई।

