Search

June 26, 2025 2:29 am

रक्षाबंधन को लेकर और असमंजस की स्थिति

राजकुमार भगत

भद्राकाल रहने के कारण 31 को होगा रक्षाबंधन

पाकुड़। भाई बहन का अटूट प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन का त्यौहार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। किंतु इस वर्ष रक्षाबंधन को लेकर हिंदू परिवारों में की दुविधा की स्थिति है। कुछ लोग 30 अगस्त तो कुछ लोग 31 अगस्त को रक्षाबंधन की बात बता रहे हैं। किंतु शास्त्र संगत अगर बात की जाए तो रक्षाबंधन इस वर्ष 31 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि पंचांग की माने तो 30 अगस्त को पूर्णिमा के दिन सुबह 10:58 से पूर्णिमा की तिथि प्रारंभ होगी जो 31 अगस्त के सुबह 7:05 तक रहेगी। वहीं 30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के साथ ही 10:58 से ही भद्रा काल प्रारंभ हो जाता है जो रात्रि के 9:02 तक रहेगा। शास्त्रों या पंचांग की मांने तो भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है ।यों तो राखी बांधने का समय दोपहर को है, किंतु इस वर्ष 30 या 31 दोनों ही दिन राखी बांधने का दोपहर में कोई मुहूर्त नहीं है। अतः भद्रा काल समाप्त होने के बाद 30 अगस्त के रात्रि 9:03 बजे से से 31 अगस्त के सुबह 7:05 बजे तक तक राखी बांधना उपयुक्त रहेगा। ऐसे भी यदि उदीया तिथि को मांने तो भी पूर्णिम 10:58 में प्रारंभ होता है तो 31 अगस्त को ही उदिया तिथि मानी जाएगी। जो राखी बांधने का मुहूर्त है ।किंतु 31 अगस्त को पूर्णिमा पूर्णिमा 7:05 में समाप्त हो जाता है। अतः इसके पूर्व ही राखी बांधना शुभ है। इसके अलावा आप चाहे तो उदिया तिथि मानकर दिन भर राखी बांध सकते हैं । किंतु इसमें पूर्णिमा का लाभ नहीं मिलेगा।
रक्षा सूत्र बांधने का अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त 30 अगस्त को रात्रि 9:34 से 10:58 तक है। दूसरा समय 30 अगस्त को रात्रि 9:03 से 31 अगस्त के सुबह7 :05 बजे तक है

भद्रा में राखी बांधने का फल

पुराणिक मान्यता के अनुसार लंका पति रावण की बहन सुरपंनखा अपने भाई को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी जिस कारण रावण का सर्वनाश हो गया था ।इसी मान्यता के आधार पर लोग भद्रा काल में रखी नहीं बांधते हैं ।इससे भाई की उम्र की हानि होती है।
हालाकि इस विषय में भी पंडितों के अलग-अलग राय हैं। जिसे लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी रहती है ।आप अपने पंडित से राय ले सकते हैं। कहते हैं कि 700 साल के बाद इस वर्ष पंच महायोग बना रहे हैं ।30 अगस्त को सूर्य बुध गुरु शुक्र और शनि ग्रह पंच महायोग बना रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग में की गई खरीदारी और नए कार्य की शुरुआत शुभ फलदाई साबित होती है ।

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट स्कोर