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July 27, 2025 6:40 pm

झारखंड की धरती बोलेगी अब खनन की कहानी, सैलानियों की ज़ुबानी

JTDC और CCL के बीच ऐतिहासिक समझौता, माइनिंग टूरिज्म की हुई शुरुआत

रांची। झारखंड अब सिर्फ खनिज संसाधनों की धरती नहीं, बल्कि पर्यटन के नए नक्शे पर एक चमकता नाम बनने जा रहा है। सोमवार को झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच माइनिंग टूरिज्म को लेकर एक ऐतिहासिक समझौता (MoU) हुआ। इस समझौते के तहत अब आम लोग भी झारखंड की कोयला खदानों की कार्यप्रणाली और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को करीब से देख सकेंगे।

पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा, “खनन पर्यटन राज्य की औद्योगिक ताकत को न केवल प्रदर्शित करेगा, बल्कि पर्यटकों को ऊर्जा क्षेत्र की गहराइयों से परिचित कराएगा। यह पहल मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है, जो झारखंड को नए आयाम देने की दिशा में लगातार अग्रसर हैं।”

समारोह में CCL के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक निलेंदु कुमार सिंह, पर्यटन निदेशक विजया जाधव, JTDC के प्रबंध निदेशक प्रेम रंजन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


🔍 समझौते की मुख्य बातें:

  • प्रारंभिक स्थान:
    माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत उत्तर उरीमारी (North Urimari) माइंस से की जाएगी।
  • समझौते की अवधि:
    यह समझौता 5 वर्षों के लिए किया गया है, जिसे आगे 5 वर्षों तक बढ़ाया जा सकेगा।
  • पर्यटन संचालन:
    JTDC प्रति सप्ताह दो दिन खनन पर्यटन की सुविधा देगा। प्रत्येक समूह में 10-20 पर्यटकों को शामिल किया जाएगा।
  • सुरक्षा प्रावधान:
    पर्यटकों को CCL द्वारा तय सुरक्षा मानकों, नियमों और स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
  • गाइड सुविधा:
    CCL पर्यटकों को खनन प्रक्रिया समझाने के लिए प्रशिक्षित गाइड उपलब्ध कराएगा।
  • प्रचार-प्रसार:
    पर्यटन के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी JTDC के पास होगी जबकि CCL आवश्यकतानुसार पूर्ण सहयोग देगा।

🌐 नए झारखंड का संकेत

खनन पर्यटन की यह पहल झारखंड की ऊर्जा और विरासत को दुनिया के सामने लाने का एक सशक्त माध्यम बनेगी। यह सिर्फ एक MoU नहीं, बल्कि झारखंड के बदलते दृष्टिकोण और उज्जवल भविष्य की एक झलक है।


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