धीरेन साहा
पाकुड़िया मिजल्स रुबेला टीकाकरण अभियान की सफलता को लेकर सोमवार को मध्य विद्यालय मोंगलाबांध में अभिभावकों के साथ जागरूकता बैठक का आयोजन हुआ । बैठक में प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रदीप साह ने बताया कि आगामी 12 अप्रैल से प्रखंड भर में मिजल्स रुबेला टीकाकरण अभियान प्रारंभ होगा, इस अभियान को हम सभी को आपसी समन्वय बनाकर सफल बनाना है । मौके पर उपस्थित अभिभावकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि रूबेला एवं खसरा एक संक्रामक रोग है तथा यह वायरस के कारण फैलता है। यह लड़के एवं लड़कियों दोनों को संक्रमित कर सकता है। इसे खसरा रोग भी कह सकते हैं। यह एक जानलेवा बीमारी है ।खसरे के कारण बच्चों में विकलांगता और असमय मृत्यु का भय बना रहता है। इससे प्रभावित व्यक्ति के छींकने या खांसने से भी यह रोग फैलता है ।चेहरे तथा शरीर पर गुलाबी लाल दाने के चकत्ते होना ,अत्यधिक बुखार खांसी, नाक बहना ,आंखें लाल हो जाना खसरे का विशेष लक्षण है ।वही रूबेला के भी लक्षण खसरे जैसे हैं। बच्चों में आमतौर पर रोग हल्का होता है खरीश,कम डिग्री के बुखार , कान के पीछे व गर्दन में सूजन आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं इसके बचाव बहुत जरूरी है। जो बच्चे जन्म से बहरे है इसके संभावित कारण रूबेला हो सकता है। खसरा रूबेला से बचने के लिए खसरा रूबेला एम आर का टीका लगाना नितांत आवश्यक है। 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को यह टीका लगाया जाना है। चाहे बच्चे पहले भी एम आर का टीका लगा लिया हो तो भी टीका लगाना जरूरी है। इससे कोई हर्ज नहीं है, टीका बिल्कुल सुरक्षित है । यह टीकाकरण अभियान सभी सरकारी, निजी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष रुप से 12 से 23 अप्रैल तक सुनिश्चित तिथि को लगाया जाएगा ।अभिभावक को चाहिए की सजग होकर अपने घर के सभी 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को यह टीका अवश्य लगवाएं। जिससे बच्चों में यह रोग होने का खतरा नहीं के बराबर हो । बैठक में अभिभावक सहित वार्ड सदस्य भी मौजूद थे ।

