शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी : प्रधानाचार्य सिराजुल हक़ सलफ़ी
मदरसे समाज निर्माण की मजबूत नींव हैं : बाबुधन मुर्मू।
पाकुड़: पाकुड़ सदर प्रखंड अंतर्गत देवतल्ला स्थित अल जामिया तुल अरबिया दारुल उलूम असलाफिया मदरसा का 58वां वार्षिक कार्यक्रम हर्षोल्लास एवं गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान 20 एवं 21 तारीख को उर्दू, अंग्रेज़ी एवं बांग्ला भाषा में तकरीर (भाषण) प्रतियोगिता, कुरआन पाठ प्रतियोगिता समेत कई अन्य शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।प्रतियोगिताओं में मदरसा के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। सफल प्रतिभागियों को मदरसा के शिक्षकगण एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबुधन मुर्मू विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि मदरसे समाज को सही दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और यहां से निकलने वाले विद्यार्थी देश और समाज की सेवा में अग्रसर हो रहे हैं।इस अवसर पर मदरसा के प्रधानाचार्य सिराजुल हक़ सलफ़ी ने अपने संबोधन में कहा कि “मदरसा का उद्देश्य केवल दीनी तालीम देना नहीं है, बल्कि बच्चों को नैतिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना है। इस तरह के वार्षिक कार्यक्रम विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने और उनमें आत्मविश्वास पैदा करने का कार्य करते हैं।कार्यक्रम को सफल बनाने में मदरसा के प्रधानाचार्य सेराजुल हक़ सलफ़ी, उप-प्रधानाचार्य मो. दिलदार हुसैन मदनी सहित समस्त शिक्षकगण की महत्वपूर्ण भूमिका रही। साथ ही मदरसा कमेटी के अध्यक्ष साहेबजान शेख, उपाध्यक्ष आसिकुल आलम, सचिव आसिकुल शेख, सहायक सचिव मो. रफ़ीकुल इस्लाम, कोषाध्यक्ष साबिरुद्दीन शेख, लेखापरीक्षक मोस्ताक शेख,जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि राकिबुल शेख,डॉ सामसुद्दीन शेख एवं सभी सदस्यों ने आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग दिया।








