पाकुड़िया (झारखंड): शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर पाकुड़िया प्रखंड ने अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवाया है। मैट्रिक परीक्षा परिणाम में प्रखंड के चार मेधावी छात्रों ने जिले के टॉप टेन सूची में अपना स्थान सुनिश्चित कर प्रखंड का नाम रोशन किया है। सुदूरवर्ती गांवों से ताल्लुक रखने वाले इन छात्रों की सफलता प्रेरणास्रोत बन गई है। देवाशीष माल ने प्राप्त किए 94.6% अंक
आलुदाहा गांव निवासी और उत्क्रमित उच्च विद्यालय फुलझिंझरी के छात्र देवाशीष माल ने कुल 473 अंक (94.6%) प्राप्त कर जिले के टॉप टेन में जगह बनाई। देवाशीष की प्रारंभिक शिक्षा उत्क्रमित मध्य विद्यालय आलुदाहा से हुई है। वह भविष्य में डॉक्टर बन देश सेवा करना चाहता है। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने पिता सुशांत कुमार माल, माता तथा विद्यालय के शिक्षकों को दिया है। शिवम कुमार भगत को 92.4% अंक के साथ 10वां स्थान
फुलझिंझरी गांव के शिवम कुमार भगत, जो उत्क्रमित उच्च विद्यालय फुलझिंझरी के छात्र हैं, ने 462 अंक (92.4%) प्राप्त कर जिला टॉप टेन में 10वां स्थान हासिल किया। शिवम आगे चलकर एमबीए कर भारतीय सेना में सेवा देने का सपना देखता है। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं विद्यालय के शिक्षकों को दिया है। वाहिद अंसारी ने 92.8% अंक के साथ 8वां स्थान प्राप्त किया। जुगुड़िया गांव निवासी और राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय पाकुड़िया के छात्र वाहिद अंसारी ने 464 अंक (92.8%) प्राप्त कर जिला में 8वां स्थान प्राप्त किया है। वाहिद की प्रारंभिक शिक्षा उत्क्रमित विद्यालय जुगुड़िया से हुई है। वह भविष्य में आईआईटी में पढ़कर इंजीनियर बनना चाहता है। वाहिद ने सफलता का श्रेय अपने पिता सलीम मियां, माता और शिक्षकों को दिया है। जतन मुर्मू ने 93.2% अंक के साथ 7वां स्थान हासिल किया, आदिवासी बाहुल्य चांदना गांव के निवासी जतन मुर्मू ने 466 अंक (93.2%) प्राप्त कर जिले में 7वां स्थान प्राप्त किया है। वह राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय पाकुड़िया का छात्र है। जतन का सपना है कि वह रेलवे में नौकरी कर देश सेवा करे। उसने अपनी सफलता का श्रेय मां तालाकु हांसदा, पिता और शिक्षकों को दिया है। ग्रामीण परिवेश में शिक्षा की अलख
इन चारों छात्रों की सफलता इस बात की मिसाल है कि संसाधनों की सीमितता के बावजूद अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों से निकलकर ये छात्र ना सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे प्रखंड के लिए प्रेरणा बन गए हैं।



