राजकुमार भगत
पाकुड़। वित्तीय वर्ष 2024-25 में आयकर दाता को बड़ी सावधानी बरतनी होगी। आयकर रिटर्न दाखिल करने से पूर्व टैक्स देने या छूट लेने से संबंधित सभी नियमों को व्यवस्थित जान लेना आवश्यक है। थोड़ी सी लापरवाही या जानकारी का अभाव आपको टैक्स के दायरे में लाकर खड़ा कर सकता है, छूट से वंचित रख सकता है, या फिर जुर्माना के लिए दंडित किए जा सकते हैं।
जिला मुख्यालय के बैंक कॉलोनी स्थित जाने-माने इनकम टैक्स एडवोकेट प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि समय रहते टैक्स प्रणाली का चुनाव करना आवश्यक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में नई टैक्स प्रणाली डिफ़ॉल्ट है, लेकिन अगर आप पुरानी टैक्स प्रणाली में रहना चाहते हैं तो समय रहते उसका चुनाव करें। वेतन भोगी कर्मचारी फॉर्म 16 को सावधानीपूर्वक चेक करें और सुनिश्चित करें कि टीडीएस सही कटा है और उसकी जानकारी फॉर्म 26 एएस में दिख रही है। आईटीआर की आखिरी तारीख 15 सितंबर से पहले रिटर्न भरें और अपनी कैटेगरी के अनुसार सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें।
उन्होंने बताया कि डिजिटल साक्ष्य रखना भी आवश्यक है, जैसे कि स्कैन किए गए बिल, चालान, निवेश प्रमाण, बैंक स्टेटमेंट आदि की डिजिटल कॉपी रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी से प्रस्तुत कर सकें। आयकर विभाग की वेबसाइट से ही जानकारी लें और किसी भी संदिग्ध ईमेल, कॉल या एसएमएस का जवाब न दें। समय पर रिटर्न दाखिल करने से आप जुर्माने की राशि से भी बच सकते हैं।