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July 27, 2025 8:12 pm

पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाने की पहल, पाकुड़ में गूंजा न्याय का संकल्प।

90 दिन में मिलेगा न्याय! मोटर क्लेम मामलों के त्वरित निपटारे को लेकर पीडीजे ने बनाई रणनीति।

पाकुड़ | पीड़ितों को न्याय के लंबे इंतजार से मुक्ति दिलाने और न्यायिक प्रक्रिया को सहज एवं प्रभावी बनाने की दिशा में आज पाकुड़ जिला न्यायालय परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन हुआ। 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान की सफलता को लेकर आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, शेष नाथ सिंह ने की।
बैठक में मोटर दुर्घटना दावा वाद (एमएसीटी) से जुड़े मामलों के शीघ्र निष्पादन पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही, पीड़ितों को समयबद्ध और यथोचित मुआवजा दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को सरल और सुगम बनाने की रूपरेखा तय की गई। बैठक में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव रूपा बंदना किरो, इंश्योरेंस कंपनियों के अधिवक्ता और एमएसीटी से जुड़े अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में यह तय किया गया कि अधिक से अधिक मामलों का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा ताकि न्याय की राह में किसी प्रकार की देरी या जटिलता न आए। इंश्योरेंस कंपनियों और वादकारियों के बीच समन्वय बनाकर मामलों का त्वरित समाधान मध्यस्थता के ज़रिए निकालने पर बल दिया गया।

क्या है 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान?

न्याय विभाग की यह विशेष पहल नालसा (नई दिल्ली) एवं झालसा (रांची) के निर्देशानुसार चलाई जा रही है, जिसमें मोटर दुर्घटना, पारिवारिक विवाद, भूमि विवाद जैसे मामलों को मध्यस्थता के ज़रिए सुलझाकर न्याय वितरण व्यवस्था को गति देने का लक्ष्य है।

न्याय के रास्ते होंगे सरल, पीड़ितों को मिलेगा राहत

पीडीजे शेष नाथ सिंह ने कहा कि “मध्यस्थता अभियान का मुख्य उद्देश्य है पीड़ितों को कम समय में राहत देना और लंबी कानूनी लड़ाई से बचाना। इसके लिए सभी पक्षकारों को एक साथ बैठाकर समाधान निकाला जाएगा।”

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