जेद्दा और रियाद में बिके पाकुड़ के आम, देश-प्रदेश के किसानों के लिए बनी नई उम्मीद।
“एक दिन ऐसा आएगा जब पाकुड़ को विदेशों में आम की मिठास के लिए पहचाना जाएगा” — मनीष कुमार, उपायुक्त
पाकुड़ | झारखंड का आम अब विदेशों में भी अपनी मिठास बिखेर रहा है। पाकुड़ जिले में मनरेगा के तहत लगाए गए आम के बगीचों का स्वाद अब सऊदी अरब के लोगों की जुबां पर चढ़ चुका है। पहली बार झारखंड से भेजे गए आम्रपाली किस्म के 250 किलो आम जेद्दा और रियाद में आयोजित मैंगो फेस्टिवल (14-17 जुलाई) में न केवल प्रदर्शित हुए, बल्कि जमकर बिके भी।
पाकुड़ का नाम अब विदेशी बाजार में भी चमक रहा है.
इस खास मौके पर पाकुड़ के उपायुक्त मनीष कुमार ने बताया कि इस सफलता के पीछे मनरेगा के अंतर्गत संचालित बिरसा हरित ग्राम योजना की बड़ी भूमिका है। योजना के तहत लगाए गए आमों की गुणवत्ता और स्वाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
अपेडा के सहयोग से विदेश पहुंचा पाकुड़ का स्वाद।
भारत सरकार की संस्था एग्रीकल्चर प्रोसेस एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) के माध्यम से निर्यात की प्रक्रिया पूरी की गई। खास बात ये रही कि सऊदी में रहने वाले भारतीयों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी झारखंडी आमों के दीवाने हो गए।
किसानों की मेहनत रंग लाई, अब होगी आमदनी में वृद्धि।
उपायुक्त ने बताया कि आम्रपाली और मल्लिका जैसे हाईब्रिड किस्म के आम, जो दशहरी और नीलम का संकर हैं, खासतौर पर गुद्देदार, टिकाऊ और बेहद स्वादिष्ट होते हैं। यही वजह है कि ये आम पकने के बाद भी 10 से 15 दिन तक ताजगी बनाए रखते हैं। किसानों को इससे अच्छा दाम मिलने की संभावना है।
लक्ष्य: 1500 किसानों को मिलेगा सीधा लाभ।
इस साल 1500 किसानों को बिरसा हरित ग्राम योजना से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि आने वाले वर्षों में झारखंड का आम देश के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी मजबूत पहचान बनाएगा।