बिजली उपभोग पर 5% अधिभार का प्रस्ताव तुगलकी फरमान: संजीव
पाकुड़: झारखंड सरकार द्वारा नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से प्रस्तावित “झारखंड विद्युत उपभोग अधिकार नियमावली 2025” के तहत शहरी क्षेत्रों में बिजली उपभोग पर अतिरिक्त 5% शुल्क लगाए जाने के प्रस्ताव का जोरदार विरोध शुरू हो गया है। पाकुड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने इस प्रस्ताव को लेकर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए इसे जनविरोधी बताया है।पाकुड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव संजीव कुमार खत्री के हस्ताक्षरयुक्त पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि झारखंड पहले से ही एक पिछड़ा राज्य है, जहाँ प्रति व्यक्ति आय देश के औसत से कम है। ऐसे में 5% अतिरिक्त शुल्क लगाना न केवल आम नागरिकों, घरेलू उपभोक्ताओं बल्कि व्यापारिक संस्थानों पर भी एक अतिरिक्त बोझ साबित होगा।चेम्बर ने चेताया कि यह निर्णय न सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को बाधित करेगा बल्कि निवेश के अनुकूल माहौल पर भी नकारात्मक असर डालेगा। इससे राज्य की औद्योगिक विकास की संभावनाएं प्रभावित होंगी और बेरोजगारी जैसी समस्याएं और गंभीर हो सकती हैं।पत्र में चेम्बर ने सरकार से मांग की है कि प्रस्तावित 5% विद्युत उपभोग अधिकार शुल्क को अविलंब रद्द किया जाए एवं भविष्य में ऐसी कोई भी नीति लागू करने से पूर्व व्यापक विचार-विमर्श एवं हितधारकों की राय ली जाए।चेम्बर ने यह पत्र नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव को संबोधित किया है तथा इसकी प्रतिलिपि झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, रांची समेत अन्य संबंधित संस्थाओं को भी भेजी गई है.