ग्रामीण बोले – अब तो जान हथेली पर रखकर करते हैं सफर।
पाकुड़िया प्रखंड के बिचपहाड़ी क्षेत्र की सड़कों की हालत इस कदर बदहाल हो चुकी है कि अब राह चलना भी लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं रहा। हटिया टोला से भादू टोला और बिचपहाड़ी डेम से बुरु टोला तक की सड़क वर्षों से जर्जर है। गड्ढों और उबड़-खाबड़ रास्तों ने इस कदर हालात बिगाड़ दिए हैं कि ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर सफर करना पड़ रहा है।
गांव के बुजुर्ग हों या बच्चे, सभी एक ही आवाज़ में कह रहे हैं — अब तो सड़क नहीं, मौत का रास्ता है।
गांव के गणेश राय, पुरान राय, बिदु राय, रामचंद्र राय, बुदिशल टुडू, प्रमोद भगत, बिनोद भगत, पाउल मरांडी समेत कई लोगों ने बताया कि ये समस्या कोई आज की नहीं बल्कि सालों से बनी हुई है, लेकिन जिम्मेदारों की नींद अब तक नहीं खुली।
बरसात में और भी बिगड़ जाते हैं हालात
पंचायत के चकला, चंदना, हाकीमपुर, कोरमोनाला सहित अन्य गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। वाहनों का निकलना तो मुश्किल होता ही है, साथ ही पलटने का भी खतरा बना रहता है। कई जगहों पर सड़क पर पत्थर उखड़ गए हैं, और बड़े-बड़े गड्ढे यात्रियों को डराने के लिए काफी हैं।
अधिकारियों से लगाई गुहार।
थक-हारकर अब ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि इस सड़क की मरम्मत नहीं बल्कि पक्की और मजबूत सड़कों का निर्माण कराया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।