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September 13, 2025 9:20 pm

असम में मुसलमानों पर दमन के खिलाफ पाकुड़ में गूंजा विरोध का स्वर

SDPI ने चांचकी में किया शांतिपूर्ण धरना, बुल्डोज़र कार्रवाई को बताया संविधान विरोधी

बुल्डोज़र से नहीं, संविधान से चलेगा देश: SDPI

पाकुड़: असम में मुसलमानों के खिलाफ हो रही कथित दमनकारी कार्रवाई, बेदखली और बुल्डोज़र नीति के विरोध में शनिवार को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने पाकुड़ मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चांचकी में एक शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया। सैकड़ों की संख्या में जुटे लोगों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाज़ी की और इसे संविधान व मानवाधिकारों के खिलाफ करार दिया।धरने का नेतृत्व कर रहे SDPI के जिला अध्यक्ष मोबारक शैख ने कहा कि “असम सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही है। घरों को गिराया जा रहा है, परिवारों को जबरन उजाड़ा जा रहा है और उन्हें अवैध घुसपैठिया कह कर कलंकित किया जा रहा है। यह लोकतंत्र पर हमला है।धरना स्थल पर लगे नारों में बुल्डोज़र नहीं, संविधान चलेगा!,असम के मुसलमान अकेले नहीं हैं!,ज़ुल्म बंद करो – इंसाफ़ दो! नारों ने माहौल को आंदोलित कर दिया।प्रदर्शनकारियों ने अपनी चार प्रमुख मांगें प्रशासन के समक्ष रखीं जिसमें असम में मुसलमानों पर चल रही बुल्डोज़र कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने,उजाड़े गए परिवारों को पुनर्वास और मुआवज़ा दिए जाने,राज्य सरकार की कार्रवाई की न्यायिक जांच कराई जाने समेत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में हस्तक्षेप करने जैसे कई मांग रखें।SDPI के जिला उपाध्यक्ष वाहेदुल शैख ने कहा कि “यह लड़ाई केवल मुसलमानों की नहीं, बल्कि पूरे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। जब तक ज़ुल्म रहेगा, संघर्ष भी जारी रहेगा।धरने में कई बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक भी शामिल हुए और इसे एक सांविधानिक और मानवीय मुद्दा करार दिया। पुलिस की निगरानी में पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।

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