रेलवे की लापरवाही से बार-बार हो रही घटनाएं, धंसी हुई पटरी बनी हादसों की वजह
पाकुड़। शनिवार रात लगभग 8:30 बजे अपर क्वारी साइडिंग में एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया, जब एक डीजल इंजन (संख्या WDG-470067), जिसमें 53 खाली BOBYN वैगन और एक ब्रेक वैन जुड़ी थी, पटरी से उतर गया। इस घटना में इंजन के सामने वाले छह पहिए पटरी से नीचे उतर गए। घटना की सूचना मिलते ही PWI/पाकुड़ के जरिए जानकारी RPF तक पहुंची, जिसके बाद SI पी.के. चौधरी अपने अधिकारियों और बल के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां पहले से ही CYM/पाकुड़, TI/पाकुड़, C&W ब्रेकडाउन टीम तथा अन्य तकनीकी स्टाफ मौजूद थे। रीरैलमेंट का काम रात 12:55 बजे शुरू हुआ और आखिरकार 2:05 बजे इंजन को पुनः पटरी पर लाया गया। इस घटना में कोई भी शरारती तत्व की भूमिका नहीं पाई गई, हालांकि संबंधित विभाग द्वारा अब तक संयुक्त प्रतिवेदन तैयार नहीं किया गया है।
रेल पटरी की हालत बेहद जर्जर
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि अपर क्वारी साइडिंग से मालपहाड़ी साइडिंग तक की रेल पटरी की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। कई जगह पटरियां टेढ़ी-मेढ़ी हो चुकी हैं, और मंदिर के पास प्वाइंट पर तो जमीन धंसने से पटरी झूलने लगी है। वहीं, प्रतिदिन यहां से 12 से 14 कोयला और पत्थर से लदे मालगाड़ियों के रैक गुजरते हैं, जिससे पटरियों पर भारी दबाव रहता है। कुछ स्थानों पर पत्थर की धूल पटरी को पूरी तरह ढक देती है, जिससे पटरियां नाव की तरह बीच में उठी हुई दिखाई देती हैं।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस रूट पर पहले भी कई बार ट्रेन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा पटरियों की मरम्मत या सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अब जबकि एक बार फिर बड़ा हादसा टल गया, सवाल यह उठता है कि क्या रेलवे अब जागेगा या फिर अगली दुर्घटना का इंतजार करेगा?

