पाकुड़। अगर आपके मोबाइल पर कोई मैसेज आता है जिसमें यह लिखा हो कि आपने पर्सनल लोन नहीं चुकाया है, 48 घंटे में भुगतान नहीं किया तो आपके खिलाफ तीस हजारी कोर्ट में केस दर्ज होगा और आधार-पैन ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा तो सावधान हो जाइए। यह पूरी तरह साइबर अपराधियों की नई ठगी का तरीका है। पारा लीगल वॉलंटियर्स से जुड़े नीरज कुमार राउत ने स्पष्ट कहा कि इस तरह के मैसेज असली नहीं हैं। इनमें कोर्ट केस नंबर, धारा 420/406, और नोटिस नंबर डालकर लोगों को डराने का काम किया जाता है ताकि वे घबराकर पैसे भेज दें।
राउत ने जागरूक करते हुए कहा कि-
किसी भी हालत में ऐसे मैसेज या कॉल पर विश्वास न करें।
किसी भी अजनबी नंबर या अकाउंट में पैसे न भेजें।
असली कोर्ट नोटिस केवल डाक या अधिकृत माध्यम से आता है, मोबाइल मैसेज या व्हाट्सऐप से नहीं।
इस तरह की घटना सामने आए तो तुरंत नजदीकी पुलिस थाने या साइबर क्राइम सेल को सूचना दें।
नीरज ने बताया कि हाल के दिनों में ऐसे फर्जी नोटिस कई लोगों को भेजे जा रहे हैं। अपराधी खुद को फाइनेंस लीगल डिपार्टमेंट बताकर दबाव डालते हैं और रिकवरी टीम घर भेजने की धमकी तक देते हैं। नीरज कुमार राउत ने अपील की व्यवसायी और आम लोग इन जालसाजों से बचें। यह केवल डराने और ठगी करने का तरीका है। जागरूक रहें, तभी सुरक्षित रहेंगे।