केंद्र सरकार का पुतला फूंका, लोकतंत्र विरोधी बताया
पाकुड़: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 130वें संविधान संशोधन, जिसके तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को 30 दिन से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रहने पर स्वतः पद से हट जाना होगा, पर राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष इस बिल को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए सड़कों पर उतर आया है।पाकुड़ में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार का पुतला फूंका। इसी कड़ी में राजधानी रांची के बिरसा चौक पर भी झामुमो कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन कर केंद्र सरकार को “तानाशाही और लोकतंत्र विरोधी” करार दिया।
विपक्ष को निशाने पर लेने की साजिश, झामुमो
जिलाध्यक्ष एजाजुल इस्लाम आलम ने कहा कि यह संविधान संशोधन दरअसल विपक्षी नेताओं को टारगेट करने की साजिश है। उन्होंने इसे “लोकतंत्र के लिए काला अध्याय” करार दिया। उन्होंने कहा बीजेपी सरकार वोट चोरी से सत्ता में आई है और अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए ऐसे काले कानून बना रही है। जब तक यह संशोधन वापस नहीं लिया जाता, झामुमो का विरोध जारी रहेगा।
हर मोर्चे पर फेल है मोदी सरकार।
जिलाध्यक्ष ने केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर असफल हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले हेमंत सोरेन को ईडी के सहारे बेवजह जेल भेजा गया, फिर अरविंद केजरीवाल समेत कई विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया।
अब संविधान संशोधन कर विपक्ष को डराने की कोशिश हो रही है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं,– एजाजुल इस्लाम, जिलाध्यक्ष, झामुमो

