एक्युपंचर विशेषज्ञ डॉ. अशोक साह की अनोखी चिकित्सा पद्धति बनी सहारा।
पाकुड़। जहां आधुनिक चिकित्सा विज्ञान सेरिब्रल पॉल्सी को असाध्य मानता है, वहीं पाकुड़ में एक्युपंचर विशेषज्ञ डॉ. अशोक साह अपनी अनोखी चिकित्सा पद्धति से इस गंभीर रोग से पीड़ित बच्चों के जीवन में नई उम्मीद जगा रहे हैं।
हाल ही में बोकारो से दूसरी बार पाकुड़ पहुंची सोमी कुमारी और एक अन्य महिला ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों का इलाज कई जगह कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। डॉक्टरों ने उनके बच्चों की बीमारी को लाइलाज बता दिया था। दोनों बच्चों की उम्र क्रमशः एक वर्ष और चार वर्ष है। डॉ. साह ने बताया कि सेरिब्रल पॉल्सी एक जन्मजात बीमारी है, जिसके कई प्रकार होते हैं। इस रोग से पीड़ित बच्चे न बैठ सकते हैं, न खड़े हो सकते हैं और न ही चल पाते हैं। कई बार सुनने और देखने में भी दिक्कत होती है। ऐसे बच्चों की शारीरिक और मानसिक शक्ति लगभग न के बराबर होती है। उनका कहना है कि एक्युपंचर से इस बीमारी में सुधार संभव है, बशर्ते इलाज समय पर और नियमित रूप से कराया जाए। अब तक उनके इलाज से कई बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं और उनके परिवारों में एक नई उम्मीद जगी है।


