सतनाम सिंह
पाकुड़ : छोटी अलीगंज में सोमवार को मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रकृति उपासना और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक करमा पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिले के हिरणपुर, जादवपुर, तोड़ाई, पतरापाड़ा, सीतपहाड़ी, बड़ी घघरी, जोरडीहा, दुर्गापुर सहित विभिन्न प्रखंडों से मेलर समाज के लोग जुटे। ढोल और मांदर की थाप पर करमा गीत गाती महिलाएं पूजा पंडाल तक पहुंचीं। विधिवत करम डाली की पूजा के साथ जावा-जोगाई नृत्य की शुरुआत हुई। महिलाओं ने प्रकृति के साथ-साथ भाइयों की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना करते हुए निर्जला उपवास रखा। संगठन के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम राय ने बताया कि करमा पर्व सात दिनों तक चलता है, जिसमें जावा उठाने से लेकर करम डाल के विसर्जन तक की परंपरा निभाई जाती है। कहीं यह पर्व 3, 5, 7 या 9 दिनों तक भी मनाया जाता है। करमा पूजा के दूसरे दिन अखाड़ा में नृत्य-गीत के साथ उत्सव का माहौल रहता है। इसके बाद करम डाल को पूरे गांव में घुमाकर तालाब या नदी में विसर्जित किया जाता है। मान्यता है कि इससे गांव में करम देव की कृपा बनी रहती है।


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