पाकुड़। शहर के छोटी अलीगंज में भुईयां घटवाल व घटवार समाज ने प्रकृति और भाई-बहन के स्नेह का पर्व करमा पूजा पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया। करमा पर्व की शुरुआत मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोर्चा ने सोमवार से कर दी थी, जो बुधवार को छोटी अलीगंज, शहरकोल, गोकुलपुर, बलियाडांगा समेत कई मोहल्लों और टोलों में चरम पर रही।
झारखंड के प्रमुख त्योहारों में शुमार करमा पूजा में बहनें अपने भाइयों की सुख-समृद्धि और लंबी उम्र के लिए उपवास रखकर पारंपरिक विधि से पूजा करती हैं। जावा जोगाई को करम देवता मानकर सात दिनों तक घर में सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। कार्यक्रम की शुरुआत जावा जोगाई नृत्य से हुई, जिसके साथ मांदर और नगाड़े की थाप पर करम गीतों की गूंज देर रात तक जारी रही। महिलाएं पूरी रात थिरकती रहीं और करम डाली की पूजा-अर्चना करती रहीं। अगले दिन करम डाली का विसर्जन नदी और तालाबों में किया जाता है। मौके पर भोक्ता सुकुमार राय ने करम देव की कथा विस्तार से सुनाई। कार्यक्रम में संतु राय, पिंटू राय, कर्ण राय, मूर्ति देवी, चांद मुनि घटवालिन, संजय राय, मोहन राय, मिलन राय सहित समाज के कई लोग उपस्थित थे।

