जैनामोड़(बोकारो)। शिक्षक दिवस के अवसर पर इनोवेटिव पब्लिक स्कूल, जैनामोड़ के निदेशक प्रहलाद लोकेश जीडी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि आज पूरा भारतवर्ष शिक्षक दिवस मना रहा है और इसकी धूम भारत के कोने-कोने में मौजूद है। भारतवर्ष में शिक्षक दिवस गुरु शिष्य प्रेम के अनुपम पर्व के रूप में वर्षों से मनाया जा रहा है। आज का दिन पूर्ण रूप से शिक्षकों को समर्पित होने के कारण शिष्य सदैव ही अपने गुरुजनों के इस महत्वपूर्ण पर्व को मनाते आ रहे हैं। किंतु मौजूदा दौर में विशेष करके पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। आज स्वार्थ प्रवृत्ति ने जन्म ले लिया है। श्री लोकेश ने आगे कहा कि एक शिक्षक की दृष्टि से मै कहा सकता हूं कि यह बदलाव छात्रों, शिक्षण पद्धतियों और पूरे शिक्षा तंत्र पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। पहले शिक्षा केवल पुस्तकों और ब्लैकबोर्ड तक सीमित थी। लेकिन अब स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड और प्रोजेक्टर जैसी तकनीकों ने पढ़ाने के तरीके को आधुनिक बना दिया है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और ई-लर्निंग से बच्चों की सीखने की गति और शैली दोनों बदली हैं। जहाँ पहले परीक्षा केवल अंकों पर आधारित होती थी, वहीं अब निरंतर और समग्र मूल्यांकन (CCE) पर ज़ोर दिया जा रहा है। बच्चों की केवल अकादमिक योग्यता ही नहीं, बल्कि उनकी रचनात्मकता, व्यवहार और व्यावहारिक ज्ञान को भी महत्व दिया जाने लगा है। पहले शिक्षक ज्ञान का एकमात्र स्रोत माने जाते थे, पर आज शिक्षक एक मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका निभा रहे हैं। अब बच्चों को केवल जानकारी देना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि उन्हें सही दिशा में सोचने, तर्क करने और नवाचार करने के लिए प्रेरित करना ज़रूरी हो गया है।
