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October 15, 2025 12:29 pm

नवरात्रि के चौथे और पांचवें दिन मां कुष्मांडा व स्कंदमाता की विधिवत पूजा।

राजकुमार भगत

पाकुड़। नवरात्रि के चौथे दिन गुरुवार को मां कुष्मांडा की पूजा विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ की गई। मान्यता है कि मां कुष्मांडा की आराधना से धन, यश और आय में वृद्धि होती है, क्षय रोग का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता चार भुजाओं वाली देवी हैं, जिनके गोद में भगवान स्कंद (कार्तिकेय) विराजमान हैं। भागवत पुराण के अनुसार, जब असुरों ने देवताओं को स्वर्ग से बाहर निकाल दिया था, तब देवताओं ने भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना की। माता पार्वती ने अपनी शक्ति से भगवान कार्तिकेय का रूप दिया, जिन्होंने देवताओं को पुनः स्वराज दिलाने में मदद की। देवी पार्वती को अपने पुत्र की माता होने के कारण स्कंदमाता कहा जाता है। मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा से भक्तों को परेशानियों से मुक्ति मिलती है, उन्हें ज्ञान, शांति, सुख, संतान और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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