पाकुड़। पूरे जिले में नौ दिनों तक धूमधाम से मनाई गई दुर्गा पूजा का समापन गुरुवार को विजयादशमी पर मां दुर्गा की विदाई के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने नम आंखों से मां को विदा किया और ढोल-नगाड़ों की थाप पर मां की जयकारा लगाते हुए प्रतिमाओं का विसर्जन किया।
सुबह से ही कालिकापुर, बलिहारपुर, मिशन गेट और स्टेशन रोड सहित विभिन्न मंदिरों व पूजा पंडालों में विशेष पूजा-अर्चना और पुष्पांजलि हुई। इसके बाद परंपरागत रीति-रिवाज के तहत सिंदूर खेला हुआ, जिसमें सुहागिन महिलाओं ने मां दुर्गा से अपने पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगा। माहौल में नाच-गाना और उत्सव का रंग घुला रहा।
इसके बाद कालिकापुर से बड़ी दुर्गा मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। यह रीति 320 वर्षों से चली आ रही है, ढाक-ढोल की गूंज और मां के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इस दौरान बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे। उधर, पूजा के अवसर पर पाकुड़ और आसपास के क्षेत्रों में मेला लगा, जिसमें सुबह से देर रात तक भारी भीड़ उमड़ती रही।











