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November 13, 2025 11:51 am

7 लाख में बना रसोईघर निकला बेकार, स्टोर रूम में बन रहा खाना, किचन में पानी तक नहीं।

डीएमएफटी योजना के तहत बने नए रसोईघर में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। प्राथमिक विद्यालय दुर्गापुर में करीब 7 लाख रुपए की लागत से बने नए रसोईघर सह स्टोर रूम का उद्घाटन 11 सितंबर को हुआ था। उद्देश्य था कि बच्चों को पुराने, जर्जर भवन से राहत देकर नए भवन में सुरक्षित और स्वच्छ माहौल में मध्यान्ह भोजन मिल सके। लेकिन वास्तविकता बिल्कुल उलट है। विद्यालय की रसोइया ने बताया कि खाना किचन में नहीं, बल्कि स्टोर रूम में बनता है, जबकि किचन खाली पड़ा हुआ है। किचन में सिंक, नल और छत पर टंकी तक लगाई गई है, पाइपलाइन की पूरी व्यवस्था है पर पानी की सप्लाई गायब है। नतीजतन, हर दिन रसोइया को लगभग 200 मीटर दूर स्थित चापानल से पानी लाकर बच्चों के लिए भोजन तैयार करना पड़ता है। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि टंकी और पाइपलाइन तो लगाई गई है, लेकिन पानी की सप्लाई नहीं है। बिना पानी के खाना बनाना बड़ी मुश्किल है। रसोइया को कई बार सिर पर पानी ढोकर लाना पड़ता है।
डिजाइन में भी बड़ी खामियां हैं। रसोईघर की बनावट उलटी है पहले स्टोर रूम और बाद में किचन, जबकि व्यवस्था इसके ठीक उलट होनी चाहिए थी। मिशन आसनढीपा के विद्यालय में पहले किचन और फिर स्टोर रूम बनाया गया है ताकि सामान सुरक्षित रहे और कामकाज आसान हो। रसोईघर का मुख्य द्वार भी गलत दिशा में, यानी स्कूल के विपरीत दिशा में बनाया गया है। वहीं कोऑर्डिनेटर निहार कुमार ने बताया कि रसोईघर और स्टोर रूम की जमीन अंदर की ओर ढलान वाली है, जिससे खाना बनाते समय गिरने वाला पानी बाहर नहीं निकल पाता। पानी का निकास बिल्कुल खराब है, जिससे फर्श पर लगातार गीलापन बना रहता है, उन्होंने कहा। जिला भवन प्रमंडल की देखरेख में यह निर्माण हुआ था। पर हकीकत यह है कि लाखों रुपए खर्च कर भी न तो उपयोगी डिजाइन मिला, न मूलभूत सुविधाएं। सरकार की योजनाएं बच्चों के हित में हैं, लेकिन क्रियान्वयन की लापरवाही और गुणवत्ता पर निगरानी की कमी से लाभार्थियों तक असर नहीं पहुंच पा रहा।

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