पाकुड़। देशभक्ति के सुरों से शुक्रवार को पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर गूंज उठा। मौका था — राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूरे होने का। इस अवसर पर कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों और कर्मियों ने एक साथ स्वर मिलाकर इस अमर गीत का सामूहिक गायन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ “वंदे मातरम्, सुजलाम् सुफलाम्…” के स्वर से हुआ तो पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठा। छात्रों ने तिरंगा लहराते हुए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारे लगाए। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा रहा है। यही गीत वह ताकत बना जिसने क्रांतिकारियों को संघर्ष की राह पर प्रेरित किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा की आवाज़ है — जो हमें अपने देश, अपनी संस्कृति और अपनी जिम्मेदारियों की याद दिलाती है।
कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने शपथ ली कि वे इस गीत की भावना को अपने जीवन में अपनाएँगे और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखेंगे।












