पाकुड़: नरोत्तमपुर पंचायत के रामचन्द्रपुर गाँव की दिव्यांग और गरीब महिला मेहेनगर बीबी अबुआ आवास योजना की बदौलत आज अपने परिवार के साथ पक्के और सुरक्षित घर में रह रही हैं। कभी बांस-टाली वाले जर्जर मिट्टी के घर में रहने वाली मेहेनगर बीबी के परिवार को बरसात और ठंड में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। जर्जर आवास के कारण उनके चार छोटे बच्चे अक्सर बीमार रहते थे और पति रहीम अंसारी की मजदूरी का अधिकांश हिस्सा इलाज में ही खर्च हो जाता था।
आपकी योजना–आपकी सरकार–आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान वित्तीय वर्ष 2023-24 में उनका आवेदन स्वीकृत किया गया और पहली किस्त की राशि उनके खाते में भेजी गई। लेकिन बीमारी और आर्थिक संकट के कारण निर्माण की शुरुआत नहीं हो सकी और जांच में सामने आया कि पूरी राशि परिवार के इलाज में खर्च हो चुकी थी।
स्थिति को समझते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर अल्प्रेड मुर्मु ने मानवीय पहल करते हुए विशेष टीम बनाकर निर्माण कार्य की निगरानी शुरू की। गाँव के युवाओं और राजमिस्त्रियों को जोड़ा गया, पंचायत सचिव और समन्वयक को नियमित मॉनिटरिंग का दायित्व दिया गया। मनरेगा से 95 मानव दिवस स्वीकृत किए गए और पुराने जर्जर घर को हटाकर अस्थायी ठहराव की व्यवस्था की गई। बीडीओ स्वयं कई बार स्थल पर पहुँचकर काम की प्रगति तेज करते रहे। प्रशासन और ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से आवास का निर्माण जल्द ही पूरा कर लिया गया। आज मेहेनगर बीबी अपने नवनिर्मित पक्के घर में सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी रही हैं। बच्चे अब स्वस्थ हैं और नियमित स्कूल जा रहे हैं। रहीम अंसारी भी अब बाहर पलायन नहीं कर रहे बल्कि गांव में ही मनरेगा से रोजगार पा रहे हैं। परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति दोनों में सुधार हुआ है।
भावुक मेहेनगर बीबी ने कहा— पहले जर्जर झोपड़ी में डर के साए में रहते थे। बच्चे बीमार पड़ते थे। आज सरकार और प्रशासन की मदद से हमारे पास अपना सुरक्षित घर है। यह हमारे लिए सपने के पूरे होने जैसा है। हम दिल से आभार व्यक्त करते हैं।











