पाकुड़ जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्र उपस्थिति बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन ने ठोस पहल शुरू कर दी है। इसी क्रम में उपायुक्त मनीष कुमार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, पाकुड़ और मॉडल विद्यालय, कशीला में आयोजित विशेष अभिभावक–शिक्षक बैठक में भाग लेकर शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत को परखा और अभिभावकों से सीधा संवाद किया।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने वाली छात्राओं, उनके अभिभावकों, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों और छात्रवृत्ति परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र इकबाल हसन को सम्मानित किया।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बच्चों की शैक्षणिक सफलता की नींव नियमित उपस्थिति से ही मजबूत होती है और इसमें अभिभावकों की भूमिका सबसे अहम है। उपायुक्त ने घोषणा की कि जिले के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में हॉल का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही शौचालय, खेल मैदान को दुरुस्त किया जाएगा और विद्यालय परिसरों में पेवर ब्लॉक लगाए जाएंगे, ताकि छात्राओं को बेहतर और सुरक्षित माहौल मिल सके। ठंड को देखते हुए उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को स्वेटर पहनाकर विद्यालय भेजने की अपील भी की। इसके अलावा सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पूर्व छात्राओं को जोड़ने के लिए एलुमनी मीट आयोजित करने की बात कही, जिससे वर्तमान छात्राओं को प्रेरणा मिल सके। छात्राओं द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी की भी उपायुक्त ने सराहना की। मॉडल विद्यालय, कशीला के भ्रमण के दौरान उपायुक्त ने विद्यालय के अनुशासन, शैक्षणिक वातावरण और विद्यार्थियों के प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां जल्द ही बाउंड्री वॉल, पेवर ब्लॉक सहित अन्य आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जाएगा। उपायुक्त ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों की सफलता शिक्षक और अभिभावक, दोनों के संयुक्त प्रयास से ही संभव है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों से नियमित संवाद करें, उनकी पढ़ाई और रुचियों को समझें और शिक्षा पर होने वाले खर्च को निवेश मानें, जिसका लाभ भविष्य में जरूर मिलेगा। अंत में उपायुक्त ने दो टूक कहा कि जिला प्रशासन शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, ड्रॉपआउट कम करने और हर बच्चे को आगे बढ़ने का समान अवसर देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। अभिभावक–शिक्षक की यह साझेदारी आने वाले समय में जिले की शिक्षा तस्वीर को बदलने में अहम भूमिका निभाएगी।







