पाकुड़ जिले में रेबीज जैसी घातक बीमारी से आम लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने ठोस पहल की है। इसी क्रम में मंगलवार को उपायुक्त श्री मनीष कुमार ने रेबीज जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर जिले के विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रवाना किया। इस जागरूकता अभियान के माध्यम से आम नागरिकों को यह संदेश दिया जा रहा है कि कुत्ते या बिल्ली के काटने से रेबीज हो सकता है, जो एक जानलेवा बीमारी है। रेबीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन समय पर एंटी-रेबीज टीकाकरण से इसे पूरी तरह रोका जा सकता है। जागरूकता रथ पर लगाए गए सूचना-पटों एवं प्रचार सामग्री के जरिए लोगों को आवश्यक सावधानियों की जानकारी दी जा रही है। अभियान के तहत बताया जा रहा है कि यदि किसी व्यक्ति को कुत्ते या बिल्ली ने काट लिया हो, तो घाव को तुरंत कम से कम 15 मिनट तक साबुन और साफ बहते पानी से धोना चाहिए। इसके बाद बिना देरी किए नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर एंटी-रेबीज टीका लगवाना अनिवार्य है, जो सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है।
इसके साथ ही लोगों को अपने पालतू कुत्तों एवं बिल्लियों का नियमित एंटी-रेबीज टीकाकरण कराने, पशुओं के संपर्क के बाद हाथों की स्वच्छता बनाए रखने तथा किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। इस अवसर पर उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि रेबीज एक पूरी तरह रोकी जा सकने वाली बीमारी है। समय पर टीकाकरण, स्वच्छता और सतर्कता अपनाकर हम स्वयं, अपने परिवार और समाज को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन “रेबीज मुक्त पाकुड़” के लक्ष्य को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।





