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December 29, 2025 12:35 pm

पेसा दिवस पर पाकुड़ की 113 पंचायतों में एक साथ ग्राम सभा, स्वशासन को मिली नई धार।

पाकुड़। पेसा दिवस के अवसर पर पाकुड़ जिले के सभी 113 पेसा अधिसूचित ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम स्वशासन को मजबूत करना, आदिवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों को व्यवहार में उतारना और लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को जमीनी स्तर तक पहुंचाना रहा। जिले में एक साथ हुए इस आयोजन को पेसा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में अहम पहल माना जा रहा है।
ग्राम सभाओं में पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 के प्रावधानों की जानकारी दी गई और ग्राम सभा को निर्णय की सर्वोच्च इकाई के रूप में सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। ग्रामीणों को बताया गया कि विकास योजनाओं की योजना, चयन और क्रियान्वयन में ग्राम सभा की निर्णायक भूमिका है। जल, जंगल, जमीन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, लघु वनोपज पर सामुदायिक अधिकार और सामाजिक-सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा में भी ग्राम सभा की अहम जिम्मेदारी है।

विकास मुद्दों पर खुली चर्चा।

विशेष ग्राम सभाओं में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी रही। नशा मुक्ति, शिक्षा की गुणवत्ता, विद्यालयों में उपस्थिति, बाल संरक्षण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, आजीविका और रोजगार सृजन जैसे विषयों पर खुलकर चर्चा हुई। महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका, जल स्रोतों का संरक्षण, वनों का संवर्धन, भूमि अधिकार और सरकारी योजनाओं की ग्राम स्तर पर निगरानी व सामाजिक अंकेक्षण पर भी विचार किया गया।

महिला-युवाओं की भागीदारी बढ़ी।

ग्राम सभाओं में पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों, पारंपरिक नेतृत्व, महिला और युवा समूहों तथा विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों की उल्लेखनीय सहभागिता रही। खास बात यह रही कि महिलाओं और युवाओं की भागीदारी पहले की तुलना में अधिक दिखी। इससे यह संदेश स्पष्ट हुआ कि ग्राम सभा केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि सामूहिक निर्णय और सशक्त लोकतंत्र का मजबूत आधार बन रही है।

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