पाकुड़ जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। उपायुक्त के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने पाकुड़ प्रखंड के चापाडांगा, इशाकपुर, इलामी, रहसपुर और गंधाईपुर गांवों में संचालित खाद्य प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान किराना दुकानों, मिठाई दुकानों और ड्राई फ्रूट विक्रेताओं सहित कुल 10 खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच की गई। निरीक्षण के क्रम में सभी खाद्य कारोबारकर्ताओं को FSSAI फूड लाइसेंस अनिवार्य रूप से लेने का निर्देश दिया गया। साथ ही पैकेज्ड खाद्य सामग्री पर फूड लाइसेंस नंबर, निर्माण तिथि, समाप्ति तिथि और निर्माण स्थल की जानकारी स्पष्ट रूप से अंकित करने को कहा गया। दुकानों में स्वच्छता बनाए रखने, मिठाई निर्माण में शुद्धता बरतने और खाद्य पदार्थों के सुरक्षित भंडारण पर विशेष जोर दिया गया। जांच के दौरान इशाकपुर और गंधाईपुर स्थित मिठाई दुकानों में तैयार की गई लौंग मिठाई में हानिकारक रंग पाए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद संबंधित दुकानों को चेतावनी और नोटिस जारी करते हुए लगभग पांच किलोग्राम लौंग मिठाई को मौके पर ही नष्ट कराया गया। जिन दुकानों में हानिकारक रंग पाया गया, उनमें गंधाईपुर का भाई-भाई मिठाई भंडार तथा इशाकपुर के बशीर शेख और मशरूल शेख की मिठाई दुकान शामिल हैं। खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि भविष्य में पुनः जांच के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित खाद्य कारोबारकर्ता के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें दंड और जुर्माने का प्रावधान है।








