सतनाम सिंह
पाकुड़: राजमहल सांसद विजय हांसदा ने अमर शहीद जवराह पहाड़िया उर्फ तिलकामांझी के प्रतिमा का उदघाटन किया। इस दौरान सांसद ने कहा है कि अमर शहीद जवराह पहाड़िया उर्फ तिलकामांझी का जन्म 11 फरवरी 1750 ईस्वी को तत्कालीन भागलपुर प्रमंडल के अंतर्गत सिंगारसी पहाड़ के गडगामा गाँव (वर्तमान में संथाल परगना प्रमंडल, सुंदर पहाड़ी, गोडडा) में हुआ था। तत्कालीन भागलपुर प्रमंडल के तत्कालीन कमिश्नर लॉर्ड अगस्टस क्लीवलैंड को तीर मार कर हत्या कर दी थी। आजाद भारत के प्रथम आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी का 13 जनवरी 1785 ईस्वी को तत्कालीन भागलपुर प्रमंडल कार्यालय के निकट स्थित बरगद के पेड़ पर ब्रिटिस हुकुमत ने फांसी दे दी और मौत की सजा दे दी गई थी। इनकी बलिदान को अन्तरात्मा से नमन और श्रदाँजली दी। कहा कि इनके बताये मार्ग पर चल कर ही अपने गाँव, समाज के ऊपर हो रहे अत्याचार जुल्म को मिटा सकेंगे। आज भी हमारी जमीन पर हमले तेज हुए हैं उसके लिए एकजुट होना आवश्यक है। समाज में व्याप्त कुरितियों को मिटाना है तो बच्चे को पढ़ाना आवश्यक है। खेती पर भी ध्यान देने को कही है। अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति झारखंड के तत्वावधान में हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा के क्रयक्रम को काफी सरहाना की और कहा कि जागरुकता का कार्य को जारी रखने को सलाह दी। मुख्य अतिथि विक्टोर मालतो सेवा निवृत अधिकारी भारतीय रिजर्ब बैंक केरल,राष्ट्रीय संयोजक आदिवासी बुद्दिजीवी मंच,महासचिव आई टी पी सी दिल्ली। शिवचरण मालतो महासचिव अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति झारखंड, केन्द्रीय अध्यक्ष हिल एसेम्बली पहाड़िया महासभा झारखंड, बैधनाथ पहाड़िया,समाज सेवी सह मुख्य सलाहकार,रामकुमार पहाड़िया सेवा निवृत्त वायुयान पo बंगाल,विशिष्ट अतिथिगण बैधनाथ पहाड़िया,डेविड मालतो,कमलेश्वर पहाड़िया,राजू पुजहर दुमका,धर्मराज पहाड़िया,मोतीलाल पहाड़िया पाकुड़,मरकुस मालतो साहेबगंज,शोभाकान्त मालतो गोड्डा,प्रियंका मालतो आदि हजारों की भीड़ उपस्थित हुए।