सतनाम सिंह
पाकुड़। व्यवहार न्यायालय के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बाल कृष्णा तिवारी की अदालत ने मंगलवार को दुष्कर्म के एक मामले में महेशपुर थाना के एक गांव के 45 वर्षीय विनोद मरांडी को दस साल का कारावास एवं दस हजार रुपया जुर्माना करने की सजा सुनाई। जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर उसे और छह माह तक जेल में रहना पड़ेगा। पीड़िता भी उसी गांव का निवासी है।
महेशपुर थाना में 26 सितंबर 2021 को पीड़िता द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार वह 17 सितंबर की रात अपने घर के एक कमरे में अकेली सोई थी। रात करीब दस बजे विनोद मरांडी उसके कमरे में घुसा और जबरन दुष्कर्म किया। विनोद ने महिला से शादी कर ले जाने का आश्वासन भी दिया था। पीड़िता ने एफआईआर में जिक्र किया है कि 19 साल पहले भी उसके साथ शादी का झांसा देकर विनोद ने महीनों दुष्कर्म किया था और बाद में शादी नहीं किया था। इसको लेकर पीड़िता ने उसके विरुद्ध भादवि की धारा 376 के तहत थाना में कांड संख्या 4/04 दर्ज की थी। बाद में पीड़िता और विनोद के बीच शादी करने को लेकर समझौता हो गया था और पीड़िता ने विनोद को न्यायालय से बचा ली थी। लेकिन इस बार पीड़िता ने पहली गलती नहीं दोहरायी और उसे जेल भेजने में सफल हो गई। पीडीजे बाल कृष्ण तिवारी विनोद मरांडी को उक्त सजा सुनाई।