4 तस्करो को गिरफ्तार कर भेजा जेल
बजरंग पंडित
पाकुड़: पाकुड़ जिले में कोयला चोरी पर अंकुश लगाने को जारी चिंतन व मंथन कागजों तक ही सिमट कर रह जा रहा है.हकीकत में अंकुश लगाने से संबंधित अधिकारियों के दिशा-निर्देश व विशेष अभियान हाथी के दांत साबित हो रहे हैं. दिखावे के लिए कुछ स्थानों पर छापेमारी व कोयला जब्ती की कार्रवाई जरूर होती है, कुछ गाड़ियां भी पकड़ी जाती हैं, परंतु अंत में स्थिति ढाक के तीन पात जैसी हो जाती है. यही कारण है कि जिले में सक्रिय कोयला तस्करों पर कार्रवाई का कोई खास असर नहीं दिखता. आलम यह है कि पाकुड़ की कोयला विभिन्न गुप्त सड़कों से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिला पहुंच रही है। यह खुलासा तब हुआ जब पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के नलहटी थाना की पुलिस ने पाकुड़ के पाकुड़िया के रास्ते से ले जा रही भारी मात्रा में कोयला लदा बाइक वह चार लोगों को गिरफ्तार किया हैं ।सूत्रों के अनुसार नलहटी थाने की पुलिस ने 4 तस्करों के साथ 25 क्विंटल अवैध कोयला और पांच मोटरसाइकिल जब्त की है।घटना पड़ोसी राज्य झारखंड के सटे बीरभूम के नलहाटी थाना क्षेत्र के वैधरा शालबन इलाके की है. बुधवार की देर रात गुप्त सूत्र के सूचना पर नलहटी थाना की पुलिस ने छापेमारी की थी।नलहाटी थाने की पुलिस ने तस्करी की गई कोयला जब्त कर लिया है क्योंकि तस्कर पुलिस को कोयले के वैध दस्तावेज नहीं दिखा सके।प्रारंभ में, पुलिस के हिसाब से कोयले को शालबन रोड के माध्यम से पड़ोसी राज्य झारखंड से बीरभूम में तस्करी किया जा रहा था। नलहाटी थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये चार लोगों को गुरुवार को रामपुरहाट उपमंडल न्यायालय में पेश किया गया।कोयला को पुलिस ने जब्त कर लिया। वहां से झारखंड की सीमा ज्यादा दूर नहीं है।स्थानीय लोगों का दावा है कि झारखंड की सीमा को पार कर बिरभुम जिले में नियमित रूप से अवैध कोयला लाया जाता है।कुछ स्थानीय कोयला माफिया झारखंड की अवैध खुले कोयला खदानों से निकाले गए कोयले को बाल श्रमिकों का उपयोग करके साइकिल या बाइक पर मुर्शिदाबाद व बीरभूम लाते है। बीते दिनों की अगर बात करें तो पचवारा कोयला खदान से रेलवे साइडिंग ले जा रही कोयला डंपर को चालक एवं मलिक के द्वारा जानबूझकर दूसरे रास्ते ले जाकर पश्चिम बंगाल में खपाने वाले थे। जो चलाकी दुर्घटना के कारण नाकाम रही। इसमें खुलासा भी हुआ की चोरी छिपे कोयले को ले जाकर बचने के फिराक में थे डंपर मालिक व चालक। दुर्घटना हुआ तब पता चला की दाल में कुछ काला है इससे पहले जितने गाड़ी दुर्घटना से बचकर पश्चिम बंगाल पहुंच चुके हैं वह दाल हर दिन खिचड़ी में मिलती आ रही है।इससे पता चलता है कि पाकुड़ की धरती की सीन चिढ़कर कुछ सफेदपोश मोटी कमाने के फिराक में है।


