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December 29, 2025 4:05 am

पीएम कुसुम के नाम पर महाठगी का मामला, बोरिंग का झांसा देकर किसानों से अवैध वसूली का खेल।

बोरिंग का कोई प्रावधान नहीं, सिर्फ सोलर पंप का लाभ — फिर भी अवैध वसूली।

पाकुड़। जिले के महेशपुर प्रखंड में पीएम कुसुम योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। योजना के तहत बोरिंग कराने का झांसा देकर बिचौलिए किसानों से अवैध वसूली कर रहे हैं, जबकि पीएम कुसुम योजना में बोरिंग का कोई प्रावधान ही नहीं है—इसमें केवल सोलर पंप सेट उपलब्ध कराए जाते हैं।

100 से अधिक किसानों से 45–50 हजार की वसूली का आरोप,सूत्र।

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सूत्रों के अनुसार महेशपुर निवासी जहीर अंसारी पर करीब 100 किसानों से प्रति परिवार 45–50 हजार रुपये वसूलने का आरोप है। बताया जाता है कि जहीर एक छोटे बोरवेल वाहन का मालिक है और अपने एजेंटों के जरिए ग्रामीणों को बरगलाकर रकम ऐंठ रहा है।

“मोटर व सोलर फ्री” का झूठा ऑफर

ग्रामीणों को लुभाने के लिए जहीर ने अपने घर/दुकान पर एक पोस्टर भी चिपका रखा है, जिसमें लिखा है कि बोरिंग कराने पर मोटर और सोलर फ्री मिलेगा। पोस्टर में दस्तावेज के रूप में जमीन का पर्चा/रसीद, महिला का आधार कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो मांगे गए हैं। इसी लालच में आकर कई किसान पैसे दे बैठे।

बोरिंग हुई, पर न सोलर मिला न मोटर

सूत्र बताते हैं कि कई किसानों के यहां बोरिंग तो कराई गई, लेकिन न सोलर पैनल मिला और न ही मोटर। इतना ही नहीं, बोरिंग के लिए कथित तौर पर पेट्रोल पंपों से उधार में डीज़ल/तेल भी लिया गया।

डीएओ का स्पष्ट बयान: बोरिंग का प्रावधान नहीं

जिला कृषि पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने साफ कहा कि पीएम कुसुम योजना में बोरिंग का कोई प्रावधान नहीं है। यदि योजना के नाम पर कहीं भी वसूली की शिकायत मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि महेशपुर में मामले की विस्तृत जांच के लिए विभागीय कर्मियों को मौखिक निर्देश दिए गए हैं और किसानों से अपील की कि पैसा देने से पहले विभाग से पुष्टि करें।

पहले भी हो चुकी है शिकायत

प्रखंड के पकड़ीपाड़ा निवासी कालेश्वर हांसदा और मोती हांसदा सहित अन्य किसानों ने पहले ही उपायुक्त को लिखित शिकायत दी थी। शिकायत के मुताबिक 7 सितंबर 2025 को बोरिंग के बाद मशीन व मोटर लगाई गई, लेकिन अगले ही दिन उन्हें वापस ले लिया गया। इस पर उपविकास आयुक्त ने जांच के आदेश भी दिए थे। चांचकी गांव निवासी लाल मोहम्मद ने भी उपायुक्त को शिकायत पत्र सौंप कर तीन लोगों के नाम उजागर किया है और इन्हें कथित ठगी गिरोह का सरगना बताया है। आरोप है कि यह गिरोह एक बोरिंग के नाम पर हजारों रुपये नकद वसूल रहा है और बाद में सोलर पंप लगाने का दावा करता है।

प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

किसानों और शिकायतकर्ताओं ने जिला प्रशासन से तत्काल संज्ञान, जांच पूरी कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई तथा ठगी की राशि की वसूली की मांग की है। साफ संदेश, पीएम कुसुम योजना में बोरिंग नहीं, केवल सोलर पंप का लाभ है। किसी भी प्रकार की वसूली अवैध है।

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