सानू कुमार
महेशपुर के.वी.के. के सभागार में तेलहन खाद्यय एवं बीज पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ. वही कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. संजय कुमार, मृदा वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार, सुरेंद्र सिंह मुंडा व परियोजना निर्देशक अरविंद कुमार राय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. प्रशिक्षण में विभिन्न प्रखंडो के तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, जनसेवक व गैर सरकारी विभाग के पदाधिकारी शामिल थे. प्रशिक्षण में प्रसार कार्यकर्ताओं को जिले में तेलहनी पौधों के विस्तार एवं कृषि की मूल धारा में जोड़कर कृषकों को अतिरिक्त आमदनी बढ़ाने के लिए विस्तार पूर्वक चर्चा की गई. वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान संजय कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य कृषकों को विभिन्न तेलहन फसल जैसे सोयाबीन, सूर्यमुखी, तिल, तीसी, कुसुम, मूंगफली, सरसों जैसे कई प्रमुख फसलों को बढ़ावा देना है. इन तेलहन फसलों में होने वाले प्रमुख रोग, कीट एवं उर्वरक प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की गई. तेलहन फसलों की उन्नत प्रभेद जैसे सूर्यमुखी के लिए केबीएसएच, सरसों में पूसा मस्टर्ड-30 और एनआरएससीएचबी-101, मूंगफली में केएन और बिरसा बोल्ड, सोयाबीन में बिरसा सोयाबीन-1, तिल में कांके सफेद, शेखर, तीसी में प्रियम, कुसुम में ए-01, सरगुजा में पूजा नाइजर-01 जैसे कई उन्नत बीज का किसान ज्यादा से ज्यादा उपज ले सकते हैं. बताया गया कि तेलहनी फसलों में सल्फर का भी अनुशंसित मात्रा में प्रयोग करने से फसलों में तेल की मात्रा बढ़ती है.