अब्दुल अंसारी
पाकुड़िया प्रखंड मुख्यालय स्थित एटिक भवन पाकुड़िया में तेलहनी फसलों की वैज्ञानिक खेती पर सोमवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में 30 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया । इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य तेलहनी फसलों की विस्तार एवं कृषक पद्धति से जोड़कर कृषकों की आय में वृद्धि करना है । सरसों , मूंगफली , तिल, तीसी , कुसुम , सूर्यमुखी जैसे विभिन्न फसलों की उन्नत किस्म की खेती एवं उसमें होनेवाले विभिन्न रोग से बचाव एवं उर्वरक प्रबंध के बारे में जानकारी दी गई । तेलहनी फसलों में तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए उर्वरक में सल्फर की अनुसंशित मात्रा देने का आहवान किया गया । सल्फर के उपयोग से तेल की मात्रा में काफी वृद्धि होती है । सरसों की फसल में पूसा मस्टर्ड 30 , शिवानी तथा मूंगफली में बिरसा बोल्ड के 9 , तीसी में प्रियम , खरबूजा में बिरसा नाइजर 1 , कुसुम में ए 1 , तिल में कोके सफेद या शेखर जैसे उन्नत उर्वरक का उपयोग किया जाता है जिससे उपज में 15 से 20 प्रतिशत तक उपज की मात्रा ज्यादा होगी । मौके पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुब्रत दास , ए टी एम सहित सभी कृषक मौजूद थे ।
