स्वराज सिंह
पाकुड़। व्यवहार न्यायालय सभागार में सोमवार को अधिवक्ताओं और अधिवक्ता लिपिकों को ई-कोर्ट फाइलिंग और ई-पेमेंट से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम करीब 4 बजे शुरू हुआ। कार्यक्रम का संचालन सिविल कोर्ट स्टाफ और सिस्टम असिस्टेंट नगमा परवीन के सहयोग से किया गया, जबकि मार्गदर्शन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह का रहा। मास्टर ट्रेनर कौसर आलम और अधिवक्ता दीनानाथ गोस्वामी ने बताया कि अब अधिवक्ता और उनके लिपिक खुद से कोर्ट फीस ऑनलाइन माध्यम से भर सकेंगे। ई-कोर्ट सर्विस ऐप के माध्यम से केस की फाइलिंग, अगली सुनवाई की तारीख और रोज़ाना अपडेट मोबाइल पर ही देखी जा सकती है। मास्टर ट्रेनर दीनानाथ गोस्वामी ने बताया कि फिलहाल यह सेवा ट्रायल मोड में है, लेकिन भविष्य में पूरी तरह पेपरलेस कोर्ट की ओर बढ़ने की तैयारी है। अधिवक्ताओं को प्रोजेक्टर के माध्यम से लाइव डेमो भी दिखाया गया। पीडीजे शेषनाथ सिंह ने कहा कि यह प्रणाली अधिवक्ताओं के लिए बेहद सुविधाजनक होगी। केस फाइलिंग, अपडेट और पुरानी केस जानकारी अब मोबाइल से ही मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि कोर्ट परिसर में दो पोटा केबिन भी बनाए गए हैं, जहां से जल्द ही ई-फाइलिंग शुरू हो जाएगी। न्यायाधीश सिंह ने पेशेवर नैतिकता पर भी बात की और कहा कि बार और बेंच के सामंजस्य से ही पीड़ितों को न्याय मिल सकता है। ट्रेनिंग कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता अंबिका प्रसाद मित्रा, अंबुज वर्मा, राजीव यादव, शिव शंकर केवट, अजय कुमार, सौरभ सिंह, प्रसनजीत चौबे, राहुल व्यास, मेघनाथ पाल, अब्बास अली, स्वराज सिंह सहित कई अधिवक्ता और लिपिक शामिल हुए।

