हक चाहिए, धोखा नहीं—आजसू नेता के अगुआई में कोल कंपनियों की रैक ठप।
पाकुड़| चांदपुर के स्वर्गीय विजय मंडल के परिजन अपनी जमीन के मुआवजे और नौकरी की मांग को लेकर सोमवार को तीसरी बार निश्चिंतपुर मौजा, प्लॉट संख्या 78 पर धरने पर बैठ गए। पीड़ित परिवार का आरोप है कि डीबीएल, बीजीआर और पीएसपीसीएल कोल कंपनी ने उनकी जमीन का वर्षों पहले बिना जानकारी अधिग्रहण कर लिया, लेकिन आज तक न तो उचित मुआवजा दिया गया और न ही नौकरी। धरना शुरू होते ही डीबीएल और बीजीआर की रैक में कोयला लोडिंग ठप हो गई। जिस रेलवे ट्रैक से दोनों कंपनियों की गाड़ियां गुजरती हैं, वह भी स्वर्गीय विजय मंडल की जमीन बताई जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर लाल फीता बांधकर आवागमन रोक दिया। आठ घंटे बीतने के बाद भी कंपनी का कोई प्रतिनिधि बातचीत के लिए नहीं पहुंचा। कोयला डंपिंग और रैक मूवमेंट पूरे दिन बाधित रहा। लोटामारा व दुर्गापुर दोनों कोल साइडिंग की गतिविधियां भी ठप रहीं। धरने का नेतृत्व कर रहे आजसू नेता आलोक जय पॉल ने कहा कि पीड़ित परिवार कई बार जिला पदाधिकारी और अंचल कार्यालय गया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला। कोई भी अधिकारी या कंपनी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं। कंपनी कहती है कि पंजाब में कागजात भेजे गए हैं, लेकिन महीनों बीत जाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भू-अर्जन विभाग ‘क्लीन चिट’ दे रहा है, तो यह स्पष्ट क्यों नहीं किया जा रहा कि जमीन की रजिस्ट्री किसने और कैसे की? पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने कभी अपनी जमीन बेची ही नहीं। कुंतल मंडल और परिवार के अन्य सदस्यों ने साफ कहा कि जब तक उचित मुआवजा, बाजार मूल्य के अनुसार क्षतिपूर्ति और नौकरी का फैसला नहीं होता, वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे। कुंतन मंडल, ज्ञान पद्दो मंडल, वहाब शेख, कौशिक मंडल, अख्तर शेख, तूफान शेख, वीरू शेख समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण धरने में शामिल रहे। परिवार का कहना है कि 2003-04 से मामला लंबित है और कंपनी “कान में तेल डालकर” बैठी है, इसलिए मजबूर होकर तीसरी बार सड़क पर उतरना पड़ा है।







