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शशिकांत ओझा/पलामू. सनातन धर्म में 16 संस्कार होते हैं, जिनके अलग-अलग महत्व होते हैं. इसी में तिलक लगाने का भी धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व बताया गया है. आज की युवा पीढ़ी आधुनिकीकरण के कारण इससे दूर होती जा रही है. माता-पिता भी बच्चों को संस्कृति की ओर नहीं ला पा रहे हैं. इन बातों का जिक्र करते हुए प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा की आज कल लोग माथे पर तिलक लगाने से कतराते हैं.
लोगों का मानते हैं कि तिलक लगाने से उनकी जग हंसाई होगी. दूसरे लोग पंडित, पुजारी, भगत कहकर उनका उपहास उड़ाएंगे. जबकि लोगों को इस बात की जानकारी तक नहीं कि तिलक लगाने के क्या लाभ हैं. क्योंकि सनातन संस्कृति में तिलक को महत्वपूर्ण माना गया है. तिलक लगाना सिर्फ धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि इसका वैज्ञानिक रूप से भी महत्व है.
तिलक लगाने से बढ़ती है एकाग्र शक्ति
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व है. आजकल लोग भले ही इसे न लगाते हों, मगर तिलक लगाने से हमारा आज्ञा चक्र जागृत होता है. तिलक लगाने से शुद्ध और पवित्र विचार का संचार होता है. मस्तिष्क की अग्रेसी शांत रहती है. साथ ही किसी भी काम के प्रति एकाग्रता बढ़ती है, इसलिए हर सनातनी को मस्तक पर तिलक जरूर लगाना चाहिए. हमारी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए बच्चों को अध्यात्म से जोड़ना जरूरी है. सनातन धर्म में ऋषि-महर्षि द्वारा जितनी भी रचनाएं हैं, सभी का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है, जिसका हमें पालन करना चाहिए. आधुनिकता जरूरी है लेकिन संस्कार और संस्कृति भी उतनी ही जरूरी है.
युवाओं को अध्यात्म से जुड़ना जरूरी
देवकीनंदन ने कहा कि हमारा उद्देश्य आज के युवा हैं. आध्यात्म के प्रति बच्चों में जागरूकता को लेकर मैं हमेशा माता-पिता से उनको कथा कार्यक्रम में लाने की अपील करता हूं. कथा सुनना युवाओं के लिए बेहद जरूरी है. संस्कृति को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. उन्होंने परोपकार और पाप का जिक्र करते हुए कहा कि दूसरों की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य है. वहीं दूसरों को दुख देना सबसे बड़ा पाप है.
पलामू में भागवत कथा सुनाने पहुंचे देवकी नंदन
बता दें कि पलामू में देवकीनंदन ठाकुर द्वारा कथा सुनाई जा रही है. सात दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन में पलामू में भागवत कथा चल रही है. यह कार्यक्रम मेदिनीनगर शहर की बाईपास रोड स्थित गौशाला मैदान में हो रहा है. 28 नवंबर तक देवकीनंदन ठाकुर यहां कथा सुनाएंगे. कथा वाचन कार्यक्रम दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक होता है, जिसका सीधा प्रसारण देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के ऑफिशियल चैनल पर भी प्रसारित होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 24, 2023, 15:30 IST
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