प्रगतिशील महिला किसान बसंती मुर्मू ने बदली जीवन की राह, जैविक खेती से कमाई में जुटाई जान
पाकुड़िया: बसंतपुर संकूल के बन्नोग्राम पंचायत की बसंती मुर्मू ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बदलकर एक मिसाल कायम की है। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली बसंती मुर्मू पहले 5-6 कट्ठा जमीन में पारंपरिक सब्जी खेती करती थीं, लेकिन उत्पादन कम होने के कारण आय भी सीमित थी और परिवार आर्थिक तंगी में जूझता था। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा संचालित सागेन साकाम आजीविका सखी मंडल से जुड़ने के बाद बसंती मुर्मू ने जैविक खेती और पशुपालन का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के बाद सखी मंडल से 20,000 रुपए ऋण लेकर 100 डिसमिल जमीन पर उन्नत फसलों और सब्जियों की खेती शुरू की। जैविक खाद और कीटनाशक दवाओं के इस्तेमाल से लागत भी कम हुई और खेतों में खीरा, भिंडी, झींगा, धनिया सहित अन्य सब्जियां लहलहा रही हैं। बसंती मुर्मू अब इन सब्जियों को पाकुड़िया हटिया और आसपास के बाजार में 40 से 60 रुपए प्रति किलो की दर से बेच रही हैं। इस तरह उनकी मासिक आय 10,000 से 15,000 रुपए तक पहुँच गई है। आय बढ़ने के साथ ही उन्होंने बच्चों को अच्छे विद्यालय में पढ़ाया और सेकेंड हैंड ट्रैक्टर खरीदकर खेतों की जुताई और भाड़े पर अन्य खेतों की जुताई भी करने लगीं। जेएसएलपीएस से जुड़कर बसंती मुर्मू का परिवार दिन-प्रतिदिन उन्नति की राह पर अग्रसर है। उनकी मेहनत और सफलता ने गांव के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा का काम किया है।
बसंती मुर्मू अब गांव के लिए केवल प्रगतिशील किसान ही नहीं, बल्कि एक प्रेरक स्रोत भी बन चुकी हैं।