मेन गेट पर लगा है शिकंजा तो क्या हुआ आवास का रास्ता है न।
बजरंग पंडित
पाकुड़: पाकुड़ जिला मुख्यालय स्थित खान विभाग का कार्यालय दलालों का अड्डा बना हुआ है। कार्यालय परिसर में दलाल किस्म के लोगों ने अपनी बढ़िया पैठ बना रखी है।आलम यह है कि खनन संबंधी कामकाज के सिलसिले से आने वाले लोग विभाग के लोगों को कम और दलालों के संपर्क में ज्यादा रहते हैं।बताया जा रहा है कि कार्यालय में दर्जनों लोग कई साल से सक्रिय हैं जबकि न तो इन्हें विभाग में पे-रोल पर रखा गया है और न ही अनुबंध पर।कार्यालय के किसी भी रजिस्टर या दस्तावेज में उक्त लोगों का कहीं भी नाम अंकित नहीं है।इसके बावजूद ये लोग जिला खनन पदाधिकारी के कार्यालय और आवास से लेकर फील्ड में भी ड्यूटी करते नजर आ जायेंगे।लंबे समय से खनन कार्यालय में मौजूदगी की वजह से इनकी बढ़िया पैठ खनन कंपनियों के एजेंट, लाइजनर व अन्य लोगों से हो गयी है। खनन कार्यालय की और से इन्हें किसी तरह का मानदेय भी नहीं मिलता है।पाकुड़ का जिला खनन कार्यालय में कई महत्वपूर्ण फाइलें रखी हुई हैं। बाहरी तत्वों की मौजूदगी की वजह से कई तरह की गुप्त सूचनाएं बाहर चली जा रही हैं।यहां तक कि खान विभाग की टीम अगर किसी क्रशर में अवैध काम, ओवरलोडिंग इत्यादि की जांच के लिए निकलती है तो इसकी सूचना माफियाओं के पास तुरंत पहुंच जाती है। यही वजह है कि टीम के पहुंचने से पहले अवैध धंधे बाज सुरक्षित मौके पर से निकल जाते हैं। बताते चले कि पूर्व डीसी वरुण रंजन की औचक छापामारी में खनन कार्यालय के अंदर दलालों का जखीरा देखने को मिला था जिसके बाद से जिला खनन कार्यालय के बाहर में गेट को जंजीरों से बांधा गया है और एक छोटी सी रास्ता कार्यालय तक जाने के लिए बनाया गया था ताकि अराजक तत्वों पर लगाम लगे। लेकिन जिला प्रशासन अगर डाल डाल पर चलती है तो बिचौलिया पात-पात पर चलने से नहीं थकते हैं। मेन गेट नहीं तों क्या हुआ डीएमओ के आवास से जाने वाले रास्ते जो है जिस रास्ते को सुरक्षित बुझकर अराजक तत्व इसी रास्ते से आना जाना करते हैं। बहरहाल यह देखना बाकी है कि आखिर जिले के मुखिया तक यह खबर कब-तक पहुंचती है और उनके द्वारा क्या कार्रवाई होती है।
