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November 7, 2025 10:19 pm

कालाजार उन्मूलन पर केंद्र और डब्ल्यूएचओ की सख्त नजर, टीम ने की जमीनी समीक्षा, दी कई अहम सलाहें।

पाकुड़ | कालाजार उन्मूलन को लेकर केंद्र और डब्ल्यूएचओ अब मैदान में उतर आए हैं। शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) की एक उच्च-स्तरीय संयुक्त टीम ने जिले में चल रहे अभियान की जमीनी समीक्षा की। टीम ने लिट्टीपाड़ा और अमड़ापाड़ा जैसे चुनौतीपूर्ण इलाकों का दौरा कर वहां की स्थिति का बारीकी से आकलन किया।
टीम ने स्वास्थ्य केंद्रों में कालाजार मरीजों की रिपोर्टिंग व्यवस्था, दवा आपूर्ति श्रृंखला, इनडोर रेजिडुअल स्प्रेइंग (IRS) गतिविधियों और उपचार केंद्रों की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान यह परखा गया कि फील्ड स्तर पर कार्यक्रम कितनी प्रभावशीलता से लागू हो रहा है।
इस संयुक्त प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डब्ल्यूएचओ जिनेवा मुख्यालय के वैज्ञानिक डॉ. सौरभ जैन और एनसीवीबीडीसी, नई दिल्ली की संयुक्त निदेशक डॉ. छवि पंत जोशी ने किया। उनके साथ डब्ल्यूएचओ भारत के राष्ट्रीय पेशेवर अधिकारी डॉ. शाहवर काजमी, राज्य सलाहकार विनय कुमार व अंजुम इकबाल, डीपीएम दीपक कुमार समेत कई विशेषज्ञ मौजूद थे। समीक्षा बैठक में पटना के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. रवि शंकर सिंह, राज्य डब्ल्यूएचओ समन्वयक डॉ. अभिषेक, सिविल सर्जन डॉ. एस.के. मिश्रा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. अमित कुमार, संबंधित प्रखंडों के बीडीओ व एमओआईसी भी शामिल रहे।
टीम ने वेक्टर नियंत्रण उपायों, सामुदायिक जागरूकता अभियानों और विभागीय समन्वय की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। विशेषज्ञों ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लिए सतत निगरानी, समुदाय की सक्रिय भागीदारी और विभागों के बीच बेहतर तालमेल बेहद जरूरी है। डॉ. एस.के. मिश्रा ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकार के साथ डब्ल्यूएचओ की यह संयुक्त समीक्षा हमारे प्रयासों को नई दिशा देती है। झारखंड के स्थानिक क्षेत्रों से कालाजार को समाप्त करने का यह निर्णायक कदम है। विशेषज्ञों की तकनीकी सलाह से फील्ड-स्तर पर क्रियान्वयन और मजबूत होगा। डॉ. जैन ने कहा कि पाकुड़ जैसे सीमावर्ती जिलों में कार्यक्रम की सफलता झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश के कालाजार उन्मूलन मिशन के लिए अहम साबित होगी।

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