मो० काजीरूल शेख
पाकुड़: पाकुड़ सदर प्रखंड अंतर्गत सीतापहाड़ी गांव में मनरेगा योजना के तहत बने सिंचाई कूप में बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया है। वसीम अकरम की जमीन पर स्वीकृत सिंचाई कूप का निर्माण धरातल पर अधूरा पड़ा है, जबकि कागजों में इसे पूर्ण दर्शाकर लाखों रुपये की निकासी कर ली गई है। अधूरा कूप फिलहाल ग्रामीणों के लिए “मौत का कुआं” साबित हो रहा है।ग्रामीणों के अनुसार योजना संख्या 3/2020-21 के तहत सिंचाई कूप की कुल स्वीकृत लागत 4 लाख 51 हजार रुपये है, जबकि अब तक 3 लाख 63 हजार 638 रुपये की निकासी हो चुकी है। हैरानी की बात यह है कि जितनी राशि निकाली गई है, उतना काम भी नहीं हुआ है। बताया गया कि कूप की सिर्फ लगभग 15 फीट जोड़ाई की गई है, जबकि पैरापीट का निर्माण पूरी तरह से नहीं किया गया।पैरापीट नहीं होने के कारण यहां चरने के दौरान मवेशियों के गिरने की घटनाएं हो रही हैं। इससे जान-माल के नुकसान की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में गंभीर लापरवाही बरती गई है और सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी की गई है।इतना ही नहीं, इस योजना में एक और नियम की अनदेखी सामने आई है। नियमानुसार यदि 500 मीटर के दायरे में पहले से कोई जलस्रोत मौजूद हो, तो वहां नया सिंचाई कूप नहीं बनाया जा सकता। बावजूद इसके तालाब के ठीक किनारे कूप का निर्माण किया गया है। पास में स्कूल भी स्थित होने के कारण बच्चों के साथ दुर्घटना की आशंका भी जताई जा रही है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निर्माण को पूर्ण दिखाकर भुगतान निकाला गया है। उन्होंने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर अनियमितता पर क्या कदम उठाता





