तनवीर आलम के नेतृत्व में मिला प्रतिनिधिमंडल, जांच समिति गठन की मांग
रांची/पाकुड़/साहिबगंज। शेरशाहबादी समुदाय के जातीय पहचान और प्रमाण पत्र निर्गमन से जुड़ी समस्या को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस सक्रिय हो गई है। शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश महासचिव तनवीर आलम के नेतृत्व में शेरशाहबादी डेवलपमेंट सोसाइटी का एक प्रतिनिधिमंडल अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा से उनके रांची स्थित आवास पर मिला। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को ज्ञापन सौंपकर साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में शेरशाहबादी समाज के लोगों के जातीय पहचान से जुड़ी समस्याओं के समाधान की मांग रखी। ज्ञापन में कहा गया कि इन जिलों के कई परिवारों के खाता-खातियान में “शेख” के रूप में हुई गलत प्रविष्टि के कारण समुदाय के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि राज्य सरकार इस विषय पर एक जांच समिति गठित करे, ताकि शेरशाहबादी समाज की वास्तविक पहचान सुनिश्चित हो सके और प्रमाण पत्र निर्गमन की प्रक्रिया सरल व पारदर्शी बने। मंत्री चमरा लिंडा ने ज्ञापन प्राप्त कर प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि छठ पर्व के बाद इस मुद्दे पर विभागीय समीक्षा कर कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस अवसर पर तनवीर आलम ने कहा, शेरशाहबादी समाज के लोग लंबे समय से अपनी सामाजिक पहचान और प्रमाण पत्र से जुड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इससे कई विद्यार्थी और अभ्यर्थी सरकारी योजनाओं व आरक्षण के लाभ से वंचित हो रहे हैं। मौके पर गजनेफार इमाम उर्फ छोटू, दिलदार आलम, मोहम्मद आजमाइल, वसीम अकरम सहित शेरशाहबादी डेवलपमेंट सोसाइटी के कई सदस्य और कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।

