हर दिन होता है लाखों रुपए का कारोबार प्रशासन बेखबर।
पाकुड/ हिरणपुर थाना क्षेत्र में इन दिनों अवैध लॉटरी का कारोबार धरल्ले से चल रहा है। दरअसल झारखंड में सरकारी प्रतिबंध लगा रहने के बाद भी लगभग जिले के सभी थाना क्षेत्रों में धरल्ले से अवैध लॉटरी का कारोबार किया जा रहा है। प्रखंड व थाना क्षेत्र के कई धंधेबाज इसमें शामिल है जो भोले भाले लोगों को बेवकुफ बना कर माला माल हो रहे हैं। उसे कम समय में जल्दी से जल्दी लखपति बनने का हसीन सपना दिखाकर उसके मेहनत की गाढ़ी कमाई को सफेदपोश लोगों की तिजोरी भरा जा रहा है।जबकि किराना दुकानदार,कपड़ा दुकानदार,राजमिस्त्री, ड्राइवर टोटोचालक,आटो चालक,सब्जी विक्रेता तथा मजदूर वर्ग के लोग के साथ साथ अब घर की महिला भी अपने पति से छुप- छुपाकर टिकट खरीदकर कंगाल हो रही है तथा इसके चक्कर में कई लोगों के घर द्वार परिवार सब बर्बाद हो चुके हैं और कई लोग बर्बाद होने के लिए नंबर पर लगे हैं जानकारी के अनुसार लॉटरी के इस खेल में हिरणपुर एवं ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग गिरोह लॉटरी के अवैध कारोबार संचालित कर रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ है
यही वजह है कि प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद लॉटरी के सरगना को दबोच नहीं पा रही है। समय समय पर पुलिस प्रशासन छापामारी कर लाखो करोड़ो की लॉटरी के साथ नेटवर्क के सदस्यों को दबोच कर जेल भी भेजती है। नेटवर्क के सदस्य के बयान पर सरगना पर भी प्राथमिकी दर्ज करवाई जाती है।लेकिन पुलिस की कार्रवाई ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ करती है लॉटरी का कारोबार पर अंकुश लगाने में सक्षम नहीं हो पा रही है।
हिरणपुर मे अवैध लॉटरी का धंधा जोरो से फलफूल रहा है
जानकार बताते हैं कि कम समय में अमीर बनने की चाह मे कंगाल बनाने मे लॉटरी खरीदने वालो मे दो फिसदी को कभी कभी हजार से दो हजार रूपये की प्राइज देकर अपने ग्राहकों को लुभाने का भी नायाब तरीकों को
करोबारी अख्तियार करते है और
यही वजह है कि पश्चिम बंगाल का सीमांत पाकुड जिला मे अवैध लॉटरी का धंधा जोरो से फलफूल रहा है। जितने कम पैसे में लॉटरी की छपाई होती है उतना ही ज्यादा इसे बेचने के बाद मुनाफे कमा रहे हैं। नागालैंड स्टेट लॉटरी जो कि पूरे झारखंड में पूर्ण रूप से प्रतिबंध है उसके बावजूद भी बिना रोक-टोक के प्रशासन के नाक के तले यह धंधा खुलेआम फल फूल रहा है
छह पैसा प्रति पीस छपाया लॉटरी को एजेंट 50 से 500 सौ तक में बिक्री करते हैं।
दोपहर 1 बजे, संध्या 6 बजे एवं रात्रि 8 बजे । इतना ही नहीं
बकायदा इसके रिजल्ट भी जारी
किए जाते हैं जिससे पता चलता है कि इनकी लॉटरी इनकी किस्मत को साथ दी या नहीं। छह पैसा प्रति पीस छपाया लॉटरी को एजेंट उसे 50,100,150, 200, 400 और 500 रुपए तक में बेचते है।इस लॉटरी के कारोबार का मुख्य सरगना जिले में कहां कौन लॉटरी बेचेगा इसका निर्णय भी सरगना ही करता है। उसके लॉटरी के अवैध धंधे आराम से चले इसके लिए कुछ खास लोगों का भी संरक्षण इन लोगों को प्राप्त है जिसके चलते अवैध लॉटरी का कारोबार चरम पर है ओर खतरनाक है यह धीरे-धीरे गरीबों की गाढ़ी कमाई को लूट कर खुद मालामाल हो कर लोगों को कंगाल बना रहा है। और पूरा सिस्टम लोगों को कंगाल होता देख रहा है।
अवैध लॉटरी का प्राइज फंसने पर होती है पैसे लेने के लिए विवाद