पाकुड़। हरिणडांगा हाई स्कूल के पीछे स्थित ब्रह्म विद्यालय आश्रम रविवार को भक्ति और उत्साह से गूंज उठा। छोटका राजपुर, बक्सर (बिहार) से पधारे श्रीश्री 108 परमहंस स्वामी सत्यानंद जी महाराज के आगमन पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। गोकुलपुर पहुंचते ही स्वामी जी की जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। स्वागत काफिले में दर्जनों गाड़ियां शामिल रहीं। वहीं मिलिट्री कैंप के पास स्थानीय लोग डांडिया और बैंड-बाजे की धुन पर झूमते नजर आए। स्वागत समारोह में सुमित साधवानी, हितेश साधवानी, विकास साधवानी, गौतम शुक्ला, योगेंद्र पांडे, अर्जुन सिंह, वीरेंद्र पाठक, तमतम कुमार, अवलन कुसुम सिंह, चंदन तिवारी, कुंदन तिवारी, योगेंद्र सिंह, सुंदरम पांडे, अरविंद सिंह, फारूक आलम, अनिल सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे। स्वागत में आदिवासी पारंपरिक संस्कृति की झलक भी देखने को मिली। 7 दिसंबर से शुरू हुआ स्वामी जी का पांच दिवसीय प्रवास 11 दिसंबर तक चलेगा। आश्रम पहुंचने के बाद भक्त कतारबद्ध होकर उनके दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करते रहे। प्रवचन और भजन-कीर्तन से आश्रम परिसर भक्तिमय हो गया। छोटका राजपुर से आए दीपू व्यास, रविंद्र दास, कमलेश यादव, प्रवीण यादव, वीरेंद्र राय, कन्हैया यादव, जितेश्वर यादव, उमाशंकर पासवान, मुन्ना केसरी, संजय यादव, अजय सिंह समेत अन्य कलाकारों ने हारमोनियम, बैंजो, ढोल, नाल और झांझ की थाप पर भजन प्रस्तुत किए, जिस पर भक्त झूम उठे।
प्रवचन में परमहंस स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने कहा कि संत का स्वभाव प्रयाग के समान होता है। संत भक्तों को सरस्वती रूप में ब्रह्मज्ञान प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि परमात्मा को प्राप्त करने का सरल और सीधा मार्ग प्रेम है। भक्ति के मार्ग पर चलकर ही मनुष्य ब्रह्म को प्राप्त कर सकता है। प्रवचन सुनने के लिए भारी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।








